- 5 फरवरी को घर से निकलने के बाद एमसीडी के रिटायर्ड क्लर्क 65 वर्षीय आनंद प्रकाश चौहान का नहीं चल पाया था पता

- जानने वाले एक गार्ड नारपाल उसके भाई प्रेमपाल, साली सरोजबाला ने पौड़ी स्थित लालढांग के जंगल में ले जाकर की थी आंनद की हत्या

देहरादून,

राजपुर थाना इलाके से गायब एमसीडी के रिटायर्ड क्लर्क का मर्डर किया गया था। सैटरडे को पुलिस ने गुमशुदगी के इस मामले का खुलासा किया। कप्तान डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि एमसीडी के रिटायर्ड क्लर्क आनंद प्रकाश को 5 फरवरी को उनके जानने वाले एक गार्ड नारपाल उसके भाई प्रेमपाल, साली सरोजबाला ने पौड़ी स्थित लालढांग के जंगल में ले जाकर मार डाला था। उसका मर्डर करने के बाद रुपए, एटीएम और कार लेकर आरोपी फरार हो गए थे।

8 फरवरी को की थी कंप्लेन

कप्तान डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि 8 फरवरी को दून विहार जाखन निवासी सीमा उर्फ शैलजा चौहान ने थाना राजपुर में कंप्लेन दी कि उसके पति 65 वर्षीय आनंद प्रकाश चौहान 5 फरवरी को सुबह 8.30 बजे घर से हरियाणा के लिए अपनी इऑन कार से निकले थे। जो न तो हरियाणा पहुंचे न वापस लौटे। आनंद का मोबाइल फोन भी बन्द था। महिला की कंप्लेन पर पुलिस ने गुमशुदगी का केस दर्ज किया और सर्च ऑपरेशन शुरू किया। पुलिस टीम ने सबसे पहले आनंद के बैंक अकाउंट की जानकारी लेकर ट्रांजेक्शन चेक किया तो पता चला उसके अकाउंट से 4 फरवरी को डेढ़ लाख रुपए विड्रॉल किए गए थे। घर पर उसने अपने पैतृक घर जाने की बात कही थी और वह अकेला ही कार से निकला था।

कॉल डिटेल से मिले इनपुट

पुलिस ने आनंद प्रकाश की कॉल डिटेल चेक की तो 5 फरवरी को सुबह करीब साढ़े 11 बजे उसकी लोकेशन चिडि़यापुर टावर के पास मिली। इसके अलावा उस दिन बार-बार एक ही नंबर से बातचीत का पता चला, जो कि नरपाल नाम के व्यक्ति का नंबर पाया गया। जांच के दौरान बताया गया कि नरपाल बजाज इंस्टीट्यूट जाखन में गार्ड का काम करता है, जो कि गांव की एक महिला सरोजबाला दूर के रिश्ते की साली के साथ पेट्रोल पंप के पास किराए के मकान में रहता था। इनके साथ सरोजबाला का एक मूक-बधिर पोता भी था। दोनों करीब 30 साल से एक साथ रह रहे थे और दोनों छितावर बिजनौर के रहने वाले हैं। बताया गया कि नरपाल सरकारी हॉस्पिटल बिजनौर में एडमिट है, जो कि सांस व दिल की बीमारी का इलाज करवा रहा है। पुलिस ने जब नरपाल से पूछताछ करनी चाही तो डॉक्टर्स ने मना कर दिया। इसके बाद आनंद प्रकाश की मोबाइल डिटेल में एक अन्य नंबर के एक्टिवेट होने की जानकारी मिली, जो नरपाल के भाई प्रेमपाल के नाम पर रजिस्टर्ड मिला। इसके बाद पुलिस ने प्रेमपाल व सरोजबाला को पूछताछ के लिए बुलाया।

राजस्व पुलिस ने कर दिया था लाश का पीएम

प्रेमपाल ने पुलिस को बताया कि नरपाल द्वारा प्लान बनाकर सरोजबाला व उसके साथ मिलकर आनंद प्रकाश को गैंडीखत्ता में बुलाया था और वहां से किसी तांत्रिक से मिलाने के बहाने उसे 2-3 किलोमीटर अन्दर जंगल में ले जाकर गला दबाकर मार डाला था। उसके पास से कैश, मोबाइल व कार लेकर वे फरार हो गए थे। प्रेमपाल के इनपुट के आधार पर पुलिस ने गैंडीखत्ता के जंगल में शव की तलाश की। लेकिन पुलिस को उस लोकेशन पर कुछ भी बरामद नहीं हुआ। पुलिस को जानकारी मिली कि राजस्व पुलिस द्वारा 6 फरवरी को गैंडीखत्ता के जंगल में एक बुजुर्ग व्यक्ति का शव बरामद हुआ था, जिसके पंचनामा व पोस्टमार्टम की कार्रवाई राजस्व पुलिस द्वारा की गयी थी। मृतक के फोटोग्राफ, कपड़े व अन्य सामान को परिजनों को दिखाने पर आनंद प्रकाश के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी प्रेमपाल, सरोजबाला को गिरफ्तार कर लिया। बाद में पुलिस ने नरपाल को कार व मोबाइल के साथ बिजनौर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मृतक की कार, मोबाइल, मृतक के कपड़े व नग वाली अंगूठी बरामद कर ली है।

तांत्रिक के पास जाने की रची थी साजिश

पुलिस पूछताछ में प्रेमपाल ने बताया कि उसकी और उसके भाई नरपाल की शादी नहीं हुई है, वह गांव में खेती मजदूरी करता है जबकि नरपाल देहरादून में 8-10 वषरें से गार्ड की नौकरी कर रहा था, जहां पर वह सरोजबाला नाम की महिला व उसके गूंगे-बहरे पोते के साथ जाखन में पेट्रोल पम्प के पास रह रहा था। नरपाल और आनंद प्रकाश एक दूसरे को पहचानते थे। कई बार एक साथ शराब भी पीते थे। आनंद ने नरपाल को बताया था कि उसकी पत्‍‌नी सीमा उससे झगड़कर बार-बार मायके चली जाती है, जिससे वह परेशान रहता था। नरपाल ने आनंद को एक तांत्रिक के बारे में बताया, जो उसकी पत्‍‌नी का दिमाग फेर दे और वह उसके घर में शांति से रहे। आनंद नरपाल की बातों में आ गया और तांत्रिक के पास जाने का प्लान बनाया। इसी बीच 5 फरवरी को नरपाल ने प्रेमपाल को फोन कर बताया कि वह देहरादून से आनंद के साथ आ रहा है जिसके पास काफी रुपए हैं, उसको ठिकाने लगाकर हम उसके पैसे व गाड़ी रख लेंगे।

पैंट का फंदा बनाकर गला दबाया

साजिश के अनुसार सरोजबाला, आनंद को लेकर देहरादून से निकली और गैंडीखत्ता में मिलना तय हुआ। नजीबाबाद से प्रेमपाल, नरपाल दोनों रोडवेज बस से गैंडीखत्ता पहुंचे, जहां आनंद और सरोजबाला मिले। इसके बाद नरपाल ने आंनद से अलग में जाकर कुछ बात की, इसके बाद वे चारों आनंद की गाड़ी से चल दिए। रास्ते में वे तांत्रिक की बात कर आंनद को बातों में उलझाते रहे। गैंडीखत्ता के पास जंगल के रास्ते में गाड़ी रोककर वे सब एक साथ पगडंडी के सहारे लालढांग की ओर चल दिये। करीब 2-3 किमी चलने के बाद नरपाल ने आनंद को नीचे गिराकर उसका गला दबाया और प्रेमपाल और सरोजबाला ने उसके हाथ पैर पकड़ लिए। इसके बाद नरपाल ने आंनद की पेंट निकालकर पेंट को गले में लपेटकर मार दिया। इसके बाद वे जेब से रुपए, एटीएम, गाड़ी लेकर वहां से निकल गए। नरपाल पहले भी 3 बार बिजनौर से जेल जा चुका है ।