शिया-सुन्नी उलेमाओं ने एक साथ उठायी आवाज

- कल्बे जव्वाद ने कहा लखनऊ में भी है आईएसआईएस के फॉलोवर

- बाबर अशरफ बाले, वहाबियत से बढ़ रहा पूरे देश में आतंकवाद

- कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को सरकार मुहैय्या कराये पूरी सुविधा

LUCKNOW: डॉ। जाकिर नाइक के खिलाफ अब लखनऊ में भी आवाज तेज होने लगी है। शनिवार को शिया और सुन्नी सूफियों ने मिलकर प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर जाकिर नाइक को गिरफ्तार करने और उसके खातों की जांच कराये जाने की मांग की। दोनों समुदाय के उलेमाओं ने आईएसआईएस के बढ़ते प्रभाव के लिए वहाबियत को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अभी भी समय है केंद्र सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। उलेमाओं ने कश्मीर में आतंकवाद की भ‌र्त्सना करते हुए कहा कि बेकसूरों को जहां भी मारा जा रहा है वह आतंकवाद है। कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लिए सरकार को पूरी सुरक्षा मुहैय्या करानी चाहिए और धार्मिक यात्रा को पूरा कराना चाहिए।

अबूबकर का किया था समर्थन

मौलाना कल्बे जव्वाद ने दावा किया कि लखनऊ में भी आईएसआईएस को फालोवर हैं। सलमान नदवी और अलीम फारूकी का नाम लिये बिना कहा कि ऐसे लोगों की भी जांच होनी चाहिए जिन लोगों ने आईएसआईएस प्रमुख अबूबकर बगदादी को पत्र लिख कर उसका समर्थन किया था और उनकी भी जांच होनी चाहिए जिन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर आईएसआईएस का झंडा लगाया था। मौलाना ने कहा कि सरकार की सख्ती के कारण इन लोगों ने अपने बयान भले ही बदल लिये हैं, लेकिन ऐसे लोग अंदर ही अंदर अभी भी आईएसआईएस का समर्थन कर रहे हैं। मौलाना ने आरोप लगाया कि सऊदी अरब से ऐसे लोगों को फंडिंग हो रही है। मौलाना ने कहा कि जाकिर नाइक जैसी विचारधारा सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। सात साल पहले भी जाकिर नाइक का यूपी में प्रोग्राम था जिसका हम सब ने विरोध किया था और गवर्नमेंट को जाकिर नाइक का प्रोग्राम कैंसिल करना पड़ा था। अगर उस समय ही जाकिर नाइक पर कार्रवाई हो गयी होती तो इंडिया में उसके फालोवर नहीं होते और बंगलादेश में बेगुनाहों की जान बच जाती।

वोट बैंक की परवाह न करें

सदाए-सूफिया-ए-हिंद के अध्यक्ष सैयद बाबर अशरफ ने कहा कि जाकिर नाइक जैसे लोग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। जाकिर नाइक के खिलाफ हम सब कई वर्षो से हैं। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए कि आखिर फंडिंग कहां से हो रही है। लखनऊ में मौजूद ऐसे लोगों के खिलाफ खुफिया विभाग को जानकारी जुटाकर कार्रवाई करनी चाहिए। अभी भी वक्त है, अगर वोट बैंक की परवाह के बिना कार्रवाई की जाए तो प्रदेश और देश में आतंकवाद को फैलने से बचाया जा सकता है, नहीं तो यह आतंकवादी हिंदुस्तान को भी पाकिस्तान बना देंगे। उलेमाओं ने कहा कि हम देश में अमन चाहते हैं। यहां हमें अपनी बात कहने का अधिकार है। पाकिस्तान में अगर यह बात की जा रही होती तो आतंकवादी प्रेस कांफ्रेंस पर हमला कर चुके होते। प्रेस कांफ्रेंस में मौलाना हबीब हैदर, रजा हैदर, मोहम्मद आरिफ नख्शबंदी, अय्यूब अशरफ, मोहम्मद अहमद समेत कई उलेमा व सूफी मौजूद थे।