बरेली (ब्यूरो)। बनारस में बाल संप्रेक्षण गृह के कर्मचारी महेश चन्द्र बेटी की शादी के लिए राज्यरानी एक्सप्रेस से अपने घर शाहजहांपुर लौट रहे थे। शाहजहांपुर स्टेशन पर जब ट्रेन पहुंची तो उन्होंने पहले अपनी बीमार पत्नी का हाथ पकडक़र उतारा। ट्रेन में भीड़ होने से उन्हें उतरने में समय लग गया। जब तक वह बैग उतारने के लिए ट्रेने में चढ़ते कि ट्रेन प्लेटफार्म से मूव कर चुकी थी। उन्होंने चलती ट्रेन में चढऩे का प्रयास किया, लेकिन ट्रेन ने स्पीड पकड़ ली। रुपयों वाला बैग ट्रेन में छूटने से उनके पसीने छूट गए। घबराए महेश चन्द्र दौड़ते हुए जीआरपी थाने पहुंचे और ट्रेन में बैग छूटने की जानकारी दी। इसके साथ ही वह पीछे से आ रही पंजाब एक्सप्रेस से बरेली की ओर चल दिए।

सूचना मिलते ही सक्रिय हुई जीआरपी

जीआरपी इंस्पेक्टर किशन अवतार ने बताया कि उन्हें राज्यरानी एक्सप्रेस की महिला बोगी में किसी यात्री का बैग छूटने की सूचना डायल 100 के जरिए मिली। इसी दौरान प्लेटफार्म नंबर दो पर ट्रेन पहुंच चुकी थी। उन्होंने वहां ड्यूटी पर मौजूद कांस्टेबल विक्की सिंह को महिला बोगी में छूटा बैग खोजने को कहा। विक्की को इसी बोगी में ऊपर वाली बर्थ में रखा बैग मिल गया। थाने में लाकर जब बैग की तलाशी ली गई तो उसमें डेढ़ लाख कैश बरामद हुआ। बाद में थाने में पहुंचे महेश चन्द्र को कैश गिनवाकर बैग हैंडओवर कर दिया गया।

लिया था 3.5 लाख रुपये का लोन

बेटी के पिता महेश चन्द्र ने बताया कि उन्हें बेटी की शादी करनी है। इसके लिए उन्होंने बनारस के ही एसबीआई से 3.5 लाख रुपये का लोन लिया था। इसमें से 1.5 लाख रुपये कैश निकालकर वह बेटी का टीका करने के लिए घर आ रहे थे। कैश उन्होंने अपने बैग में रखा था। जीआरपी इंस्पेक्टर की मदद से उन्हें कैश सहित बैग मिल गया। इससे अब बेटी के टीके की रस्म में परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।

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