नागपंचमी पर पूजे गए नाग देवता, शहर में श्रद्धा और परंपरा के साथ मना त्योहार

अखाड़ों में पहलवानों ने ठोंकी ताल तो पक्का महाल में खेला गया मंत्रों का खेल महुअर

VARANASI:

नागपूजा के महापर्व नागपंचमी को पूरे शहर ने बड़े उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया। घरों में नाग देवता की विधि-विधान से पूजा की गई। उन्हें दूध-लावा चढ़ाया गया। सुबह से ही गली, मोहल्लों में बच्चों की टोली 'छोटे गुरु का बड़े गुरु का नाग लो भई नाग लो' की हांक लगाते घूमने लगी थी। लोगों ने घर की ड्योढ़ी पर नाग देवता का चित्र लगाकर उन्हें श्रद्धा समर्पित की । परंपरा का निर्वाह करते हुए विशेष व्यंजन बनाए गए। पशु पालकों ने पशुओं के सींग को रंगों से सजा कर पर्व की परंपरा निभायी।

नाग कूप के दर्शन को उमड़ी भीड़

नागपंचमी पर जैतपुरा स्थित नागकूप के दर्शन की मान्यता है। इसके चलते वहां सुबह से ही दर्शनार्थियों का रेला उमड़ा रहा। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नागकूप में झांककर नाग देवता को प्रसन्न करने का जतन किया। नागकूप शास्त्रार्थ समिति की ओर से संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों के बीच शास्त्रार्थ का आयोजन किया गया। संस्कृत के विद्वानों को सम्मानित किया गया।

इसके अलावा काशी विश्वनाथ सहित शहर के अन्य शिवालयों में श्रद्धालुओं भीड़ दर्शन के लिए उमड़ी रही। नागपंचमी के दिन विशेष प्रकार के मंत्रों वाले खेल महूअर खेले जाने की भी परंपरा है। लुप्त हो रही इस खेल परंपरा का निर्वहन पक्के महाल के इलाके में हुआ।

सपेरों की संख्या रही कम

नाग पंचमी पर नाग देवता के दर्शन की मान्यता है। घरों, मोहल्लों में सपेरे घूम-घूमकर लोगों को नाग देवता का दर्शन कराते हैं लेकिन इस बार लोगों को सपेरों का इंतजार करना पड़ा। इस बार शहर में सपेरे कम दिखे जो नजर आये उन्होंने लोगों की आस्था को कैश कराया।

अखाड़े भी रहे गुलजार

नागपंचमी के दिन अखाड़ों में कुश्ती दंगल का आयोजन किया जाता है। शहर के लगभग सभी अखाड़ों में पहलवानों की उठा पटक हुई। पहलवानों ने कुश्ती के साथ गदा और नाल भांजकर शारीरिक बल का प्रदर्शन किया। माधव कुश्ती संघ की ओर से अखाड़ा सेनपुरा में आयोजित कुश्ती दंगल में नामी-गिरामी पहलवानों ने एक-दूसरे के खिलाफ दांवपेंच दिखाए। चीफ गेस्ट जिला पंचायत अध्यक्ष सुजीत सिंह रहे। इस दौरान संघ के अध्यक्ष वैध ध्रूव कुमार, महामंत्री अजय साहू, उपाध्यक्ष अवधेश कुमार आदि मौजूद रहे।