शहर की स्ट्रीट लाइट का एक महीने का बिल आया 60 लाख रुपये का

नगर निगम का दावा, कहने के बाद भी यूपीसीएल ने नहीं बदले टाइमर

देहरादून। नगर निगम को हर माह 60 लाख का शॉक लग रहा है। यह शॉक नगर निगम के 60 वार्ड में लगे स्ट्रीट लाइट के कारण लगा है। नगर निगम का दावा है कि इन स्ट्रीट लाइट में लगे टाइमर खराब होने से दिन में भी स्ट्रीट जलती रहती हैं। टाइमर बदलने के लिए कई बार यूपीसीएल को पत्र सौंप चुके हैं। इसके बाद भी टाइमर नहीं बदले गये हैं। इसका खामियाजा नगर निगम को भुगतना पड़ रहा है।

यह है जिम्मेदारी

नगर निगम का पथ प्रकाश विभाग शहर में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था देखता है। स्ट्रीट लाइट के लिए पोल यूपीसीएल लगवाता है। रात को स्ट्रीट लाइट जल जाएं और सुबह बंद हो जाएं, इसके लिए टाइमर लगाया जाता है। टाइमर लगाने और उनकी मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी यूपीसीएल की होती है, लेकिन बल्ब लगाने की जिम्मेदारी नगर निगम के पथ प्रकाश विभाग की होती है।

ज्यादातर टाइमर खराब

नगर निगम ने यूपीसीएल से शहर के उत्तर, दक्षिण, केन्द्रीय और ग्रामीण जोन में टाइमर मीटर बदलने की मांग की है। बताया कि टाइमर मीटर खराब होने के कारण दिन में कई स्ट्रीट लाइट बंद नहीं होती, जबकि कई स्ट्रीट लाइट रात को भी बंद रहती हैं।

यहां खराब हैं टाइमर

संजय कॉलोनी डालनवाला, सर्कुलर रोड, मोहनी रोड, नेहरू कॉलोनी, हरिद्वार रोड, रिस्पना पुल, नगर निगम के बाहर, दून हॉस्पिटल चौक, कचहरी रोड, प्रीतम रोड, एसएसपी ऑफिस के पास, इंदर रोड, राजपुर रोड, साई बाबा मंदिर, परेड ग्राउंड, कर्जन रोड, चुना भट्ठा, रायपुर रोड कब्रिस्तान, नेशविला रोड, गांधी पार्क, क्रॉस रोड, रेसकोर्स, राजपुर रोड, गांधी रोड, चंदरनगर, लक्ष्मण चौक, न्यू कैंट रोड, राजपुर रोड और कैनाल रोड।

42,700 एलईडी लाइट

नगर निगम द्वारा शहर भर में 72 हजार स्ट्रीट लगाने का लक्ष्य रखा गया है। एलईडी लाइट लगाने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दिया गया था। लेकिन, अब तक कंपनी की ओर से 42,700 स्ट्रीट लाइट में एलईडी लाइट लगाई गई है। जबकि इन्हें अभी 72 हजार एलईडी लाइट लगानी है। जहां अभी एलईडी लाइट नहीं लगी है वहां पर अब भी सोडियम लाइट जल रही है।

नए वार्डो में 34,100 सोडियम लाइट

नगर निगम में शामिल ग्रामीण क्षेत्र के 40 नए वार्डो में शहर से उतारी गई सोडियम लाइट को भेजा जा रहा है। यहां पर 34,100 सोडियम लाइट लगनी है। फिलहाल छह माह तक इन वार्डो में ग्रामीण क्षेत्र से शामिल हुए वार्डो को सोडियम लाइट से ही काम चलाना पड़ेगा।

नगर निगम हर माह 60 लाख से अधिक बिजली के बिल का भुगतान कर रहा है। टाइमर लगाने के लिए कई बार यूपीसीएल को लिखा गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही।

रणजीत सिंह,

लाइट सुपरटेंडेंट, नगर निगम

दिन में भी कई स्ट्रीट लाइट जली होने के कारण नगर निगम का बिल अधिक आ रहा है। जिससे निगम को आर्थिक हानि हो रही है।

सुनील उनियाल गामा

मेयर, नगर निगम