एक्सक्लूसिव न्यूज

BAREILLY: नगर निगम न सिर्फ बरेली वासियों को बल्कि 'मुख्यमंत्री' को भी झांसा देने में पीछे नहीं। इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम यानि 'आईजीआरएस' पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का निस्तारण के नाम पर नगर निगम में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। कर्मचारी नगर स्थित लक्ष्मीपुर गौटिया में सड़क निर्माण में ठेकेदार की मनमानी की शिकायत की गई थी। 3 माह तक पत्र तमाम उच्चाधिकारियों के पास से गुजरा और मार्च में शिकायत का निस्तारण कर दिया गया, लेकिन निस्तारित हुई शिकायत में सड़क का जिक्र तक नहीं अलबत्ता एलईडी की स्ट्रीट लाइट लगाने का आश्वासन दिया गया है। मामले का रियलिटी चेक दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने किया तो नगर निगम के दावों की पोल खुली। आखिर क्या रहा पढि़ए

 

निर्माण में धांधली की शिकायत

आईजीआरएस पोर्टल पर कर्मचारी नगर के पार्षद दीपक सक्सेना ने 25 जनवरी को शिकायत दर्ज की थी। जिसमें लक्ष्मीपुर गौटिया में मठिया से राजू के मकान तक सड़क निर्माण अधूरा पड़ा है। पास ही एक अन्य सड़क पर अब तक निर्माण शुरू नहीं हुआ। कई बार शिकायत हुई पर न कार्य शुरू हुआ न ही ठेकेदार पर ही कार्रवाई हुई। उन्होंने ठेकेदार का टेंडर निरस्त करने की मांग की थी। शिकायत दर्ज हुई। पोर्टल की शिकायत 26 जनवरी को डीएम बरेली को भेजी गई। 26 जनवरी को ही संबंधित शिकायत डीएम कार्यालय से नगर आयुक्त के पास पहुंची। नियमानुसार नगर आयुक्त को पत्र निर्माण विभाग को भेजना था, लेकिन उन्होंने प्रकाश विभाग को फारवर्ड कर दी। वहीं, प्रकाश अधीक्षक ने भी निर्माण विभाग के मामले को बगैर पढ़े उसका निस्तारण भी कर दिया। कहा, कि लाइटों को ठीक कराने की शिकायत मिली जो जल्द ही लगा दी जाएंगी।

 

ठेकेदार पर अधिकारी मेहरबान

सूत्रों के मुताबिक जिस सड़क के निर्माण के लिए आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत हुई। वह सड़क कर्मचारी नगर समेत शहर भर में चर्चा का विषय रह चुकी है। क्योंकि विधानसभा चुनावों के दौरान सड़क निर्माण को लेकर यहां के निवासियों ने धरना प्रदर्शन भी किया था। साथ ही, चुनाव बहिष्कार की घोषणा की थी। मामले ज्यादा बढ़ने पर शहर विधायक डॉ। अरुण कुमार की संस्तुति पर सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ। लेकिन ठेकेदार ने अधूरा काम करके छोड़ दिया। अब तक करीब 4 शिकायतें संबंधित ठेकेदार दीप बिल्टेक के खिलाफ हो चुकी हैं। लेकिन रसूख के चलते अब तक ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि इसी मामले में वर्ष 2016 में महज एक ही शिकायती पत्र पर तत्क ालीन ठेकेदार अभिषेक कॉन्ट्रैक्टर की जमानत जब्त कर उसे डिबार किया जा चुका है।

 

खंभे हैं नहीं कहां लगाएंगे लाइट

प्रकाश अधीक्षक ने लाइट लगाकर शिकायत के निस्तारण का आश्वासन दिया था, लेकिन जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम मौके पर पहुंची तो वहां लाइट तो दूरी की बात एक खंभा तक नहीं दिखा। बांस की बल्लियों पर बिजली के तार झूलते दिखाई दिए। निवासियों के मुताबिक बारिश में यह बल्लियां हादसों का सबब बन जाती हैं। सड़क न होने से इलाके में घुटने तक जलभराव की स्थिति रहती है। उसमें भी गीले हो चुकी बल्लियों से करंट उतरने का डर लोगों को घर में ही कैद रहने का मजबूर कर देता है। जिससे साफ जाहिर है कि प्रकाश अधीक्षक ने शिकायत नहीं पढ़ी और न ही वह मौके पर गए। सिर्फ कार्यालय में बैठकर ही शिकायत का निस्तारण कर दिया।

 

कॉलोनी एक नजर में

- वार्ड संख्या 55 कर्मचारी नगर

- मोहल्ला मठिया लक्ष्मीपुर गौटिया

- 12 सौ आबादी, 40 परसेंट साक्षर

- 5 किमी। दूर है सरकारी विद्यालय

- हैंडपंप है जलस्रोत, टंकी की मांग

- सफाईकर्मी की मनमानी, नाला चोक

 

अब तक सड़क के बाबत शिकायत

- 26 जनवरी 2017 पहली शिकायत

- 2 मई 22017 दूसरी शिकायत

- 24 अक्टूबर 2017 तीसरी शिकायत

- 13 दिसंबर 2015 चौथी शिकायत

- 25 जनवरी 2018 आईजीआरएस पर शिकायत

- 31 मार्च 2018 को गलत निस्तारण की शिकायत दर्ज

 

पिछले 20 वर्षो से सड़क नहीं बिछी थी। काफी जद्दोजहद के बाद सड़क निर्माण शुरू हुआ तो ठेकेदार अधूरा काम करके भाग गया। शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

तेजपाल, निवासी

 

बारिश में घुटने तक पानी भर जाता है। किसी तरह रुपए जोड़कर नगर निगम गए थे शिकायत करने पर वहां कोई सुनवाई नहीं हुई। वहां साहब लोग कहते हैं कि जाओ हो जाएगा?

भगवान देई, निवासी

 

सड़क नहीं थी, दो साल पहले सबने मिलकर मिट्टी डलवा दी थी ताकि आवागमन बाधित न हो। ठेकेदार ने घटिया सड़क बनाई और भाग भी गया। आधी सड़क पर चलना दूभर है।

मनोहर लाल, निवासी

 

मामले गंभीर है, लेकिन इसकी जानकारी नहीं है। फिलहाल मैं आउट ऑफ स्टेशन हूं। मंडे को कार्यालय पहुंचकर सबसे पहले इसी मामले का संज्ञान लूंगा। उसके बाद ही मैं कुछ क हूंगा।

राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त