-डीजल चोरी पकड़े जाने के भय से ड्राइविंग के लिए नहीं हो रहे तैयार

-नगर निगम के अफसर भी ड्राइवर्स की मनमानी के आगे बेबस

<-डीजल चोरी पकड़े जाने के भय से ड्राइविंग के लिए नहीं हो रहे तैयार

-नगर निगम के अफसर भी ड्राइवर्स की मनमानी के आगे बेबस

BAREILLY:

BAREILLY:

बरेली को स्वच्छ-सुन्दर बनाने के लिए नगर निगम के ड्राइवर्स तैयार नहीं हो रहे हैं। यही वजह है कि आधी राह में कूड़ा सड़क किनारे फेंकने के आदती ड्राइवर्स को जीपीएस लैस वाहनों ड्राइव करने के लिए तैयार नहीं हो रहे। जबकि, पुराने वाहनों से डीजल चोरी करना आसान होने की चलते इन्हें चलाने के लिए ड्राइवर्स में होड़ लगी रहती है। हैरत की बात यह है कि इन ड्राइवर्स पर नगर आयुक्त का भी वश नहीं चल रहा है। लिहाजा, इन वाहनों से कूड़ा उठाने का काम नहीं हो रहा है।

म् नए वाहनों में लगा जीपीएस

बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने में जुटा नगर निगम प्रशासन कूड़ा उठाने के लिए नए वाहनों की खरीद कर रहा है। इस क्रम में म् नए वाहन आ भी गए हैं, जिनमें जीपीएस लगा हुआ है। क्ख् जनवरी से खरीद कर आए इन वाहनों का यूज नगर निगम नहीं कर पा रहा है। क्योंकि जीपीएस लगा होने से ड्राइवर डीजल चेारी नहीं कर पाएंगे और उन्हें कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड तक फेंकना पड़ेगा। बिना जीपीएस वाले वाहनों से ड्राइवर एक तो आधी राह में कूड़ा फेंक देते हैं। दूसरे कूड़ा फेंकने के लिए उन्हें चार ट्रिप रोजाना लगाना है, तो दो ही ट्रिप का कूड़ा उठाते हैं, जिससे शहर में गंदगी नहीं उठ पाती है।

वर्ष ख्0क्ब् में पकड़ा गया खेल

नगर निगम में वर्षो से चल रहे ईंधन चोरी का खेल वर्ष ख्0क्ब् में पकड़ा गया था। तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी एसपी सिंधु ने निरीक्षण के दौरान खेल का खुलासा किया था। गोदाम में वाहन खड़े मिले लेकिन पर्ची जारी थी। जिसमें पर्ची देने वाला बाबू, चालक, पेट्रोल पंप संचालक समेत सफाई नायक सब पर खेल करने का आरोप और कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। लेकिन मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। मीटिंग और सख्त निर्देशों का दौर चला फिर सब फुस्स हो गए। तत्कालीन नगर आयुक्त पर भी खेल में शामिल होने का आरोप भी पार्षदों ने लगाया था। अब फिर से सख्त आदेश हुए हैं।

करीब ब् करोड़ रुपए की खपत

नगर निगम के वाहनों में पर मंथ करीब फ्0 लाख रुपए से अधिक का डीजल खर्च होता है। नगर निगम में खर्च हो रहे डीजल का कोई हिसाब नहीं है। डीजल का खेल इतना बड़ा है कि अधिकारी इसे जानते हैं लेकिन ठोस सुबूत न होने की वजह से सख्त कदम नहीं उठा सके हैं। पिछली बोर्ड की बैठक में इस व्यवस्था को बंद कर सीएनजी वाहन चलाने की मांग हुई थी। सुधार के लिए वर्ष ख्0क्ब् में तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी की रिपोर्ट भी लागू नहीं हुई है। लेकिन अब प्रत्येक डलावघरों समेत बाकरगंज में सीसीटीवी कैमरे लगाने का टेंडर हो रहा है साथ ही, जीपीएस से कनेक्ट वाहनों की लोकेशन ट्रेस की जाएगी।

यूं होता है खेल

- जारी होती है वाहन के हिसाब से ईधन पर्ची

- पर्ची पर बाबू, पंप ओनर, चालक करते हैं खेल

- दूरी और एवरेज के हिसाब से तय होता है ई़धन

- खड़े रहते हैं वाहन, चेक जैसे कैश होती है पर्ची

यह है नियम

- बनेगी लॉग बुक, चालक की लॉग बुक में होगी एंट्री

- पार्षद, सफाई नायक, निरीक्षक से कराना होगा सत्यापन

- बगैर सत्यापित पर्ची के वाहनों को नहीं मिलेगा डीजल

- वर्किंग आवर्स में उठाना होगा कूड़ा, जीपीएस से मॉनीटरिंग

इतना मिलता है ईधन

- फ्भ् लीटर जेसीबी, डस्टिंग

- भ् से 7 लीटर तीन पहिया

- क्भ् से ख्0 लीटर बड़े वाहन

- फ्0 लाख रुपए पर मंथ खपत

- ब् करोड़ रुपए सलाना खपत

एक नजर में

- क्भ्0 जीपीएस मंगाए गए

- क्भ्0 वाहन में होंगे इंस्टॉल

- म् नए वाहन में लगे हैं जीपीएस

- 7ब् वाहन खरीदने की योजना

- 80 नए वाहन में लगेंगे जीपीएस

- ख्0क्म् में बना जीपीएस प्रपोजल

- ख्0क्7 में जीपीएस का ऑर्डर

- ख्0क्8 जनवरी में इंस्टॉलेशन शुरू

नगर निगम में।

- 80 वार्ड हैं नगर निगम में

- ब्म् डलावघर हैं शहर भर में

- क् ट्रेंचिंग ग्राउंड बाकरगंज में

- 70 कूड़ा वाहन का संचालन

- 80 ट्रैक्टर, टेंपो, टिपर, हापर, स्वीपिंग मशीन

मामला संज्ञान में है। चल रहा खेल रोकने के लिए ही वाहनों में जीपीएस इंस्टॉल हो रहा है। प्रत्येक वार्ड में जब वाहन पहुंच जाएंगे तब चालकों का शेड्यूल बनेगा। वाहन न चलाने पर कार्रवाई की जाएगी। कंप्यूटर सेंटर से मॉनिटरिंग की जाएगी।

राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त