- हाईकोर्ट ने कमिश्नर के दोनों इंटरनोगेस्ट्री पीटिशन को खारिज किया

- हाईकोर्ट के फूल बेंच के फैसले के बाद निगम में छायी खामोशी

- सात, आठ और नौ जनवरी को तीन दिन हुई थी सुनवाई

PATNA : हाईकोर्ट ने नगर निगम की ओर से दायर दोनों इंटरनोगेस्ट्री पीटिशन को खारिज कर दिया है। अब निगम कमिश्नर का मामला सरकार के पाले में चल गया है। गवर्नमेंट अगर चाहेगी तो निगम कमिश्नर बने रहेंगे या फिर उन्हें सस्पेंड माना जाएगा। डेढ़ महीने से चल रहे इस ऊहापोह की स्थिति पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद निगम में मायूसी छा गयी है। उम्मीद की जा रही थी कि निगम कमिश्नर के पक्ष में फैसला आएगा, लेकिन पूर्ण पीठ ने सात जनवरी, आठ जनवरी और नो जनवरी को सुनवाई के बाद तीस जनवरी को अपना फैसला सुना दिया है।

सौ पन्नों में दिया आदेश

पूर्ण पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए सौ पन्ने में अपना आदेश दिया है। इस दौरान निगम कमिश्नर की ओर से उठाए गए सवाल को पूर्ण पीठ ने खारिज करते हुए कहा कि कंस्टीच्यूशन पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। इसके अलावा गवर्नमेंट की ओर से सस्पेंशन के मामले की सुनवाई पीआईएल के जरिए नहीं हो सकती है। इसके लिए कमिश्नर डिपार्टमेंट व गवर्नमेंट लेवल होते हुए कैग में जाकर अपना मामला उठा सकते हैं। इसके लिए इस कोर्ट में वो सीधे तौर पर नहीं आ सकते हैं। इस आदेश के बाद से अब निगम कमिश्नर के सस्पेंशन मामले पर गवर्नमेंट की ओर हर किसी की नजर टिकी है।

मौखिक सस्पेंशन वापस लिया

गवर्नमेंट की ओर से नगर निगम कमिश्नर कुलदीप नारायण के सस्पेंशन मामले को वापस लेने का सिर्फ मौखिक बयान दिया गया है, लेकिन अब तक निगम के पास इसका कोई लिखित नोटिफिकेशन नहीं आयी है। अब जबकि हाईकोर्ट की ओर से खारिज कर दिया है तो अब गवर्नमेंट चाहे तो अपना फैसला जस का तस रख सकती है। इस कंडीशन में निगम कमिश्नर कुलदीप नारायण को अपने पद से हटना होगा। वहीं नए निगम कमिश्नर के रूप में शीर्षत कपिल अशोक को ज्वाइन करवाया जा सकता है।

कमिश्नर के सस्पेंशन का मामला कोर्ट में चलता रहा

- क्क् दिसंबर को गवर्नमेंट ने निगम कमिश्नर को सस्पेंड किया।

- क्ख् दिसंबर को एक्टिंग जस्टिस इकबाल अंसारी के कोर्ट में सस्पेंशन का मामला आया तो उन्होंने खारिज किया।

- क्ख् दिसंबर को ही थर्ड बेंच में सुनवाई के दौरान वीएन सिन्हा ने सस्पेंशन पर स्टे लगाया।

- क्भ् दिसंबर को एक्टिंग जस्टिस इकबाल अंसारी के कोर्ट में महाधिवक्ता ललित किशोर ने बहस की और बताए कि एक कोर्ट स्टे लगा दिया और दूसरे ने खारिज कर दिया। इसके बाद लार्जर कोर्ट का गठन किया गया।

- क्8 दिसंबर को लार्जर कोर्ट इकबाल अंसारी, वीएन सिन्हा, नवनीति प्रसाद के सामने बहस हुई। मगर इसी दौरान हंगामा शुरू हो गया और मामला रुक गया।

- इसके बाद हाईकोर्ट में नए चीफ जस्टिस के रूप में एल नरसिम्हा रेड्डी ने ज्वाइन किया। उम्मीद थी कि लार्जर बेंच बदलेगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद निगम कमिश्नर की ओर से एडवोकेट के पैनल ने दो आईए दायर किया। एक स्टे और दूसरा लार्जर बेंच पर ही सवाल खड़ा कर दिया।

- म् जनवरी सुनवाई होनी थी, लेकिन अचानक हाईकोर्ट के जज की मौत पर हाफ डे के बाद हाईकोर्ट बंद हो गया।

- 7, 8 और 9 जनवरी को लगातार तीन दिन सुनवाई के बाद पूर्ण पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया। पूर्णपीठ में जस्टिस इकबाल अंसारी, जस्टिस वीएन सिन्हा, जस्टिस नवनीति प्रसाद सिन्हा।

- फ्0 जनवरी को फैसला आया। इसमें निगम कमिश्नर की ओर से उठाए गए दो आईए पहला सस्पेंशन और दूसरे बेंच के गठन को खारिज कर दिया गया।