- पांच अधिकारियों की टीम लगाएगी मनमानी पर लगाम

- ध्वस्त कराए जाएंगे जलकल की जमीन पर बने इल्लीगल क्वार्टर

- कार्यकारिणी ने जलकल के सभी ठेके निरस्त करने के दिए आदेश

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PRAYAGRAJ:

जलकल विभाग में अधिकारियों, कर्मचारियों व यूनियन के नेताओं की गुंडागर्दी चल रही है। नगर निगम का हिस्सा होने के बाद भी जलकल पर किसी का कंट्रोल नहीं है। सरकारी संपत्ति पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। कार्रवाई करने पर अधिकारियों को पीटा जा रहा है। जलकल के रिवाइज्ड बजट पर चर्चा के लिए आयोजित कार्यकारिणी मीटिंग में सदस्यों ने कुछ इसी तरह की शिकायतें रखीं, तो मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी, नगर आयुक्त रवि रंजन और अधिकारियों के साथ कार्यकारिणी ने सर्व सम्मति से जलकल में मनमानी करने वालों के पर कतरने का निर्णय लिया।

मनमानी पर रोक के लिए कमेटी बनाने का निर्णय

कार्यकारिणी मीटिंग में एक अरब पांच करोड़ 87 लाख 89 हजार रुपये के इनकम और एक अरब पांच करोड़ 93 लाख 37 हजार रुपये के एक्सपेंस वाला रिवाइज्ड बजट पेश किया गया। जिस पर चर्चा की शुरुआत होते ही जलकल कर्मचारियों की मनमानी का मुद्दा छाया रहा। कर्मचारी यूनियन निरस्त होने के बाद यूनियन हाल को खाली कराने और उसे ध्वस्त कराने का आदेश मेयर ने अधिकारियों को दिया। साथ ही कहा गया कि जलकल विभाग की सपंत्ति पर जिन लोगों ने कब्जा कर रखा है, उसे खाली कराया जाए। मेयर ने कहा कि जलकल विभाग में कार्यरत जितने कर्मचारियों को क्वार्टर आवंटित है और उनका शहर में भी मकान है, ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट दी जाए।

जलकल विभाग में मनमानी पर रोक लगाने के लिए एक कमेटी बनाए जाने का निर्णय लिया गया। जिसमें अपर नगर आयुक्त अमरेंद्र वर्मा, जीएम जलकल रतन लाल, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा, सीएफओ सदन मिश्रा, लेखाधिकारी सुजीत सिंह को शामिल किया गया।

कुम्भ में घोटाले का आरोप

कार्यकारिणी सदस्य जिया उबैद खां ने कहा कि सिटी में जहां भी जलनिगम द्वारा वाटर लाइन डाला जा रहा है, वहां जलकल के अधिकारी क्यों नहीं आते हैं। उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं रहती है। अशोक सिंह ने कुंभ मेला के दौरान 27 करोड़ के गमले लगाने और 77 करोड़ की पेटिंग कराने में घोटाले का आरोप लगाया। जिस पर मेयर ने नाराजगी जताई, कहा आरोप का प्रमाण दें।

मीटिंग में हुए और भी कई निर्णय-

- जलकल विभाग द्वारा कराए गए सभी ठेके किए गए निरस्त

- क्षतिग्रस्त चैम्बर बनाए जाएंगे

- गंदे पानी की शिकायत दूर की जाएगी

- जलकल विभाग में सुरक्षा कर्मी डूडा से लिए जाएंगे

- सभी ट्यूबवेल में नॉन कामर्शियल मीटर लगाए जाएंगे

- 300 वर्गमीटर से अधिक में बने मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए नोटिस भेजा जाएगा