- नगर निगम के सामने उहापोह की स्थिति बरकरार

- कूड़ा गिराने के लिए नहीं मिल रही जगह और बाढ़ राहत की तैयारियां भी बनी हैं चुनौती

VARANASI

शहर में इन दिनों दो बड़ी समस्या मुंह बाये खड़ी है। एक है बाढ़, जिसने हजारों लोगों का जीना दुश्वार कर रखा है। दूसरी समस्या शहर से रोजाना निकलने वाले कूड़े की है। जिसने लोगों की परेशानी बढ़ाने के साथ ही निगम के नाक में भी दम कर दिया है। कूड़े की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम के पास रास्ता नहीं है और बाढ़ के घटने के साथ ही साफ-सफाई का मोर्चा भी संभालना है। जैसे-जैसे पानी उतरने लगेगा नगर निगम का काम बढ़ने लगेगा। गलियों, मोहल्लों, कालोनियों की साफ-सफाई, सीवर की परेशानी, कीटनाशक दवाओं का छिड़काव समेत कई काम युद्ध स्तर पर किये जाने हैं।

कुड़ा निस्तारण बन गयी चुनौती

नगर निगम के लिए कूड़ा निस्तारण चुनौती बनी हुई है। शिवपुर और हरहुआ में लोगों के विरोध के बाद निगम के अधिकारी रात के अंधेरे का इंतजार कर रहे हैं। रात में ही कूड़े के ट्रक को शहर से बाहर निकाला जा रहा है और जहां पर प्रशासन की ओर से बताया जा रहा है वहां कूड़ा गिराया जा रहा है। रमना और करसड़ा में पानी भरने के कारण निगम के सामने ये परेशानी खड़ी हो गयी है। ऐसी स्थिति रही तो आने वाले दिनों में कूड़ा संकट उत्पन्न होने वाला है।

बाढ़ बन गयी है मुसीबत

गंगा और वरुणा का पानी उतरने लगा है। नगर निगम के सामने सबसे ज्यादा बड़ी चुनौती ये है कि जिन इलाकों में पानी घटेगा वहां पर महामारी का खतरा है और इन जगहों पर राहत पहुंचानी है। इसके लिए नगर निगम अपनी टीम बनाकर तैयारी कर रहा है। जिन इलाकों में पानी उतर रहा है वहां पर चूने और गैमेक्सीन पाउडर का छिड़काव कराया जा रहा है।

हो रही हैं बैठकें

कूड़े की परेशानी से शहर को निजात दिलाने के लिए मेयर राम गोपाल मोहले समेत अधिकारियों की लगातार बैठक की जा रही है। कूड़े के निस्तारण के लिए निगम ने पांच टीम बनायी है जो अलग-अलग एरिया में कूड़े को गिराने के लिए जगह तलाश रहे है और रात के वक्त शहर से कूड़ा निकाला जा रहा है।