- 5 कम्प्यूटर और 6 बल्बों का भी लोड नहीं उठा पा रहा सोलर प्लांट - बिजली के बिल को कम करने के लिए तैयार किया था प्लांट DEHRADUN: बेतहाशा बिजली के बिल से छुटकारा पाने के लिए दून नगर निगम ने सोलर प्लांट तो लगवाया, लेकिन ये प्लांट फेल साबित हुआ। क्0 किलोवाट का यह प्लांट निगम के बल्बों तक का लोड नहीं उठा पा रहा। प्लांट को इंस्टॉल किए ढाई महीने हो चुके हैं लेकिन बिजली के बिल में निगम को कोई खास राहत नहीं मिली। सिर्फ क्0 हजार रुपए बचा पाए विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ढाई माह में सोलर प्लांट केवल दस हजार रुपए का ही बिल बचा पाया। नगर निगम ने दावा किया था कि प्लांट से बिजली का बिल आधा हो जाएगा लेकिन ये दावा हकीकत नहीं बन पाया। क्0 किलोवाट के इस प्लांट की क्षमता पांच कंप्यूटर, एक प्रिंटर व छह बल्ब जलाने तक की है। प्लांट लगने से पहले निगम का बिजली का बिल म्9 हजार रुपए आता था, जो आज भी उतना ही आ रहा है। ढाई लाख रुपए का है प्लांट उरेडा द्वारा यह प्लांट निगम के कैंपस में लगाया गया था। प्लांट पर निगम का ढाई लाख रुपया खर्च हुआ। इसके साथ ही निगम द्वारा वर्कशॉप में भी सोलर प्लांट लगाया गया था, जिसे लगाने पर फ् लाख रुपए खर्च हुए थे। अगली योजना पर सवाल दो छोटे सोलर प्लांट लगाने के बाद निगम की योजना कॉमर्शियल सोलर प्लांट लगाने की है, जो करीब क्00 बीघा प्लॉट में लगाया जाना है। बाकायदा उरेडा को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि निगम के कैंपस में ही जब सोलर प्लांट सफल साबित नहीं हो रहा तो फिर इतना बड़ा प्लांट आखिर क्यों लगाया जाए। ------------------ मेरे संज्ञान में अभी बात आई है, ऐसा भी हो सकता है कि प्लांट लगने के बाद कोई टैक्निकल फॉल्ट आया हो, प्लांट को दिखाया जाएगा। विनोद चमोली, मेयर, नगर निगम। ------------------ - क्0 केवी का सोलर प्लांट लगाया था निगम कैंपस में - ख्.भ् लाख रुपए खर्च किए थे इंस्टॉलेशन में - क्0.भ्0 हजार रुपए की ही हो पाई ढाई महीने में बचत - म्9 हजार का बिल हर महीने भरता है निगम, नहीं मिली प्लांट से राहत