- गंगा में चलने वाली बोट का किराया फिक्स करने में जुटा नगर निगम

- सीएनजी में कनवर्ट कर सभी बोट का लाइसेंस किया जाएगा रिन्यूअल

VARANASI

गंगा में अब नाविक सैलानियों से किराये को लेकर किचकिच नहीं कर पायेंगे। ज्यादा किराया भी नहीं वसूल सकेंगे। क्योंकि नगर निगम अब नावों का किराया फिक्स करने जा रहा है। नाविक नौकायान करने वालों से फिक्स किराया ही ले सकेंगे। ये डिसीजन नाविकों की मनमानी के लगातार मिल रहे कम्प्लेन के बाद लिया गया। साथ ही डीजल नावों को सीएनजी में कनवर्ट कर लाइसेंस रिन्यूअल किया जाएगा।

मनमानी पर होगी कार्रवाई

राजघाट से अस्सी के बीच पड़ने वाले सभी 84 घाटों का किराया फिक्स करने की कवायद शुरू हो गई है। टूरिस्ट फ्लो वाले प्रमुख घाटों को स्टापेज बनाया जाएगा। जिस घाट से बोट का रजिस्ट्रेशन होगा, वह अन्य घाटों पर खड़ी नहीं होगी। अगर ऐसा पाया जाएगा तो बोट का लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा। दशाश्वमेध से अस्सी घाट तक एक किराया तय होगा, जो हर टूरिस्टों से लिया जाएगा। कोई भी नाविक निर्धारित किराये से ज्यादा नहीं वसूल सकेंगे। ज्यादा पैसा लेने पर कार्रवाई भी होगी।

गंगा में दौड़ रहे सभी बोट अवैध

राजघाट से अस्सी घाट तक पर्यटकों को गंगा की सैर कराने के लिए करीब साढ़े तीन सौ डीजल बोट और चार सौ से अधिक चप्पू नाव चल रही है, जो अवैध है। क्योंकि पिछले दो साल से नगर निगम में एक भी बोट का लाइसेंस रिन्यूअल नहीं हुआ है। गंगा को पॉल्यूशन से बचाने के लिए एनजीटी ने डीजल बोट को बैन कर दिया है। बावजूद इसके बिना रोक-टोक डीजल बोट गंगा में दौड़ रही हैं। पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए नगर निगम डीजल बोट के संचालन पर रोक लगाने से बच रहा है।

सीएनजी स्टेशन की कवायद शुरू

गंगा को पॉल्यूशन से बचाने के लिए कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने डीजल बोट को सीएनजी में कनवर्ट करने का निर्देश दिया है। बोट को सीएनजी सप्लाई के लिए गेल इंडिया लिमिटेड ने खिड़कियाघाट पर सीएनजी स्टेशन बनाने की कवायद भी शुरू कर दी है। स्टेशन के लिए नगर निगम ने जमीन भी उपलब्ध करा दी है। उम्मीद है कि दो महीने में स्टेशन खुल जाएगा।

लाइसेंस की रिन्यूअल राशि बढ़ेगी

एनजीटी ने गंगा में डीजल नावों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश दिया है। इसी वजह से पिछले दो साल से गंगा में संचालित डीजल बोट के लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं हो रहा है। सीएनजी में कनवर्ट होने के बाद रिन्यूअल राशि 60 रुपये से बढ़ाकर चार से पांच सौ रुपये करने की कवायद चल रही है। इस बारे में नाविक संघ से बातचीत की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

- 350

बोट है गंगा में

- 450

चप्पू नाव भी चलती हैं गंगा में

- 01

क्रूज भी गंगा है

- 84

घाट हैं गंगा किनारे

- 60

रूपये है नावों की रिन्यूअल फीस

- 08

प्रमुख घाट हैं गंगा में

वर्जन

गंगा में संचालित डीजल बोट को सीएनजी में कनवर्ट कर रेगुलाइज करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके बाद बोट का किराया निर्धारित किया जाएगा और रिन्यूअल राशि भी बढ़ाई जाएगी। गंगा घाट और नाव संचालन के लिए और भी तमाम योजनाएं हैं।

-आशीष ओझा, संयुक्त नगर आयुक्त