नागपंचमी पर शिवभक्तों ने मंदिरों में टेका मत्था, यम- नियम से किया पूजन अर्चन

ALLAHABAD: नागपंचमी व श्रावणी पर्व श्रद्धा से मनाया गया। इस अवसर पर संगम व गंगा घाटों में शुक्रवार की सुबह से स्नानार्थियों की भारी भीड़ जुटी। स्नान, ध्यान के बाद यम-नियम से भगवान भोलेनाथ व नागदेव का पूजन किया गया। भक्तों ने सर्प का पूजन कर उनके प्रकोप से मुक्ति पाने की कामना की। नाग के भय से मुक्ति के लिए लोगों ने दरवाजे की दोनो ओर गोबर व जल में घी मिलाकर सर्प की आकृति बनाई और उसमें गेंहू, दही, लावा, चना, माला-फूल अर्पित कर पूजन कार्य सम्पन्न किया।

शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़

नागपंचपी पर तक्षकतीर्थ मंदिर के बाहर सुबह से ही भक्तों की लंबी लाइने लगी रही। पीठाधीश्वर स्वामी रविशंकर की देखरेख में कालसर्प दोष, सर्प मुक्ति यज्ञ व रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया। दारागंज स्थित प्राचीन नागवासुकी मंदिर में महिलाओं, बच्चों व पुरुषों ने रुद्राभिषेक व कालसर्प दोष की शांति कराई। इसके अलावा मनकामेश्वर, पंचमुखी महादेव, गंगोली शिवालय, दशाश्वमेध, शिव कचहरी समेत प्रत्येक शिवालयों के बाहर सपेरों का जमघट लगा रहा।

बच्चों ने झूला, बड़े भी हुये शामिल

उधर, नागपंचमी के पावन अवसर पर विभिन्न मोहल्लों में गुडि़या के मेले का आयोजन किया गया। कीडगंज स्थित बीचवाली सड़क, नागवासुकी मंदिर, बैरहना, नैनी, खुल्दाबाद आदि मोहल्ले में गुडि़या के मेले की धूम रही। इसमें बच्चों ने तरह-तरह के खिलौने खरीदे तथा झूला का आनंद उठाया। जबकि चाट-मिठाई का स्वाद चखने भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।