आगरा। शहर में प्रतिदिन 100 किग्रा। कूड़ा उत्सर्जित करने वाले प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई के नाम पर नगर निगम नोटिस-नोटिस का खेल खेल रहा है। पहले शहर में भारी मात्रा में प्रतिदिन कूड़ा उत्पन्न करने वाली 612 इकाइयों को चिह्नित कर नोटिस जारी किया गया था। इनको 15 दिन में कूड़े निस्तारण की रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके बाद फिर अब 450 इकाइयों को चिह्नित कर नोटिस जारी किया गया है। बड़ा सवाल ये है कि एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त निर्देशों के बाद भी जिम्मेदार अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए हैं।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स का इकाइयां नहीं कर रही पालन

कहने को सॉलिड वेस्ट मैनेंजमेंट रुल्स 2016 गत वित्तीय वर्ष से ही लागू है,लेकिन शहर में 450 इकाइयां इस रुल्स का पालन नहीं कर रही हैं। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 के अनुसार 100 किलो। से अधिक कूड़ा उत्सर्जित करने वाली इकाइयों को खुद ही कूड़े का निस्तारण करना है। अपने परिसर में प्रोसेसिंग प्लांट लगाकर कूड़े का कंपोस्ट बनाकर उसे खुद ही प्रयोग करना होगा। इसकी रिपोर्ट नगर निगम को देनी होगी। लेकिन अभी तक किसी भी इकाई ने ऐसा नहीं किया है। नगर निगम को एनजीटी को जबाव देना है। अब नगर निगम ने पुन: नोटिस जारी कर प्रतिष्ठानों से जबाव मांगा है। इस बारे में नगर अपर आयुक्त केबी सिंह ने बताया कि या तो ऐसे प्रतिष्ठान खुद निस्तारण कर रिपोर्ट दें, या फिर निगम की अधिकृत ऐजेंसी को शुल्क अदा करें और कूड़े का निस्तारण कराएं। इसमें गीले कूड़े का 12.50 प्रतिकग्रा। और सूखे कूड़े का 6 रुपये प्रति किग्रा। शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें कूड़े को कलैक्ट करने के लिए एक रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है।

कहीं डस्टबिन में तो कहीं सड़क पर फेंका जा रहा कचरा

शहर में 450 इकाइयों द्वारा कूड़े का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। वे या तो कचरे को नजदीक के डस्टबिन में फेंक देते हैं, या फिर नजर बचते ही सड़क पर फेंक देते हैं। नगर निगम द्वारा जिन इकाइयों को चिह्नित किया गया है। उनमें ज्यादातर कॉलेज, स्कूल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, होटल, छोटी कंपनियां शामिल हैं।

शहर में प्रतिष्ठानों की स्थिति पर एक नजर

शहर में 388 क्लीनिक, 805 नर्सिग होम्स हॉस्पिटल आते हैं। इनमें तकरीबन आठ हजार से ज्यादा बैड की व्यवस्था उपलब्ध है। बता दें कि नगर निगम में गत वर्ष 2017-18 में नगर निगम में तकरीबन 600 से ज्यादा हॉस्पिटल, नर्सिग होम्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था। वर्ष 2018-19 में 509 हॉस्पिटल ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। होटल ढाबों की बात करें तो तकरीबन 527 होटल रेस्टोरेंट नगर निगम की सीमा के अन्तर्गत आते हैं। वर्ष 2017-18 में लगभग 268 संचालकों ने लाइसेंस लिए थे। इनमें से नगर निगम ने 450 इकाइयों को चिह्नित किया है। जो कूड़े का निस्तारण नहीं कर रहे हैं।