-नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने रैली से शुरू की राजनीति की नई पारी

- ग्रामीण इलाकों से लाई गई पब्लिक

- विरोधियों और प्रतिद्वंद्वियों को दिया संदेश

ALLAHABAD: बसपा सरकार में मंत्री रहे और फिर मंत्रित्व काल के दौरान ही जानलेवा हमले के शिकार हुए नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने ट्यूजडे को राजनीति में एक नई पारी की शुरुआत की। कांग्रेस का दामन थामने वाले नंदी ने लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से जन जागरण रैली के लिए परमिशन लिया था, लेकिन रैली जन जागरण कम बल्कि शक्ति प्रदर्शन रैली का माध्यम अधिक नजर आया।

क्या ऐसे होता है जन जागरण

नंदी नाम विश्वास का, नंदी है तो अच्छा ही होगा नारा लगा रही हजारों पब्लिक, नारे के बीच पब्लिक पर की जा रही फूलों की वर्षा, सजे-धजे ट्रैक्टर पर सवार होकर नंदी और अन्य नेताओं द्वारा पब्लिक का अभिवादन स्वीकार करना, इसे शक्ति प्रदर्शन नहीं तो फिर क्या कहेंगे। अगर यह जन जागरण होता तो जनता को जगाने के लिए जनता का आह्वान होता। लेकिन जन जागरुकता जैसा कुछ नजर नहीं आया। रैली में जितने भी लोग शामिल थे, वे केवल एक कटआउट लिए हुए थे, जिसमें केवल नंदी और नंदी परिवार का बखान था। जिसमें केवल एक परिवार का गुणगान था। यह जन जागरण पब्लिक के लिए नहीं, बल्कि केवल एक परिवार के लिए था। इसे नाम तो जन जागरण रैली का दिया गया था, लेकिन रैली पूरी तरह से नंद गोपाल गुप्ता को समर्पित रहा।

खूब खिलाया गया समोसा, पिलाई गई चाय

जन जागरण रैली के लिए पूरे जिले से भारी भीड़ इकट्ठा की गई थी। सैकड़ों गाडि़यां ग्रामीण इलाकों से पब्लिक को लाने के लिए लगाई गई थी। जिसके लिए पानी की तरह पैसा बहाया गया। दूर-दराज से आई पब्लिक को खूब समोसा खिलाया गया और चाय पिलाई गई।

राजनीतिक घरानों में मची हलचल

नंद गोपाल गुप्ता के जन जागरण रैली में हजारों पब्लिक शामिल हुई। ललिता देवी मंदिर से जन जागरण यात्रा शुरू होते ही आधे शहर में जाम लग गया। दरियाबाद, बलुआघाट, मुट्ठीगंज चौराहा, रामभवन चौराहा होते हुए रैली घंटाघर पहुंची। रैली में शहर दक्षिणी, करछना, मेजा, बारा और कोरांव से भारी भीड़ पहुंचने के कारण जनपद के राजनीतिक घरानों में खलबली मच गई। जन जागरण रैली के जरिए नंदी ने कांग्रेस से टिकट फाइनल होने के बाद अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। रैली में तारिक सईद, मुकुंद तिवारी, तस्लीमुद्दीन, जावेद उर्फी, किशोर वाष्र्णेय, ओंकारनाथ केसरवानी, हरिकेश त्रिपाठी आदि शामिल हुए।

आचार संहिता में फिर फंसे नंदी

चुनावी राजनीति में खुद को साबित करने के लिए नंदी ने जो रैली निकाली, उसमें पुलिस की नजर में आचार संहिता का उल्लंघन किया गया। मुट्ठीगंज पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए नंदी के खिलाफ मोटर व्हीकल्स एक्ट का उल्लंघन करने का मामला दर्ज करते हुए दो गाडि़यां सीज कर दी। मुट्ठीगंज इंस्पेक्टर इंद्रजीत चतुर्वेदी ने बताया कि नंदी में बिना परमिशन रैली निकाला था। गाडि़यों के शीशों पर ब्लैक कवर लगे थे। बिना परमिशन लाउडस्पीकर बज रहे थे। ऐसे में पुलिस ने नंदी के खिलाफ आईपीसी की धारा क्7क्, क्88 और एमवी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर की है। साथ ही नंदी की दो कारें भी सीज की गई हैं।