कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Narak Chaturdashi 2021: कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी नरक-चतुर्दशी कहलाती है।दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव में धनतेरस के दूसरे दिन नकर चतुर्दशी मनाई जाती है। दिवाली के ठीक एक दिन पहले होने की वजह से इसे छोटी दीपावली के नाम से भी पुकारते हैं। इसके अलावा इसे नरका निर्वाण चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य डाॅक्टर त्रिलोकीनाथ के मुताबिक यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ता है। इस वर्ष यह 3 नवंबर, 2021, बुधवार को मनाया जाएगा। चतुर्दशी तिथि 03 नवंबर को सुबह 09:02 बजे से शुरू हो रही और यह 04 नवंबर को सुबह 06:03 बजे समाप्त होगी।
यम के नाम से दीप दान जरूर करना चाहिए
अकाल मृत्यु से बचने और नरक दोष से मुक्ति पाने के लिए नरक चतुर्दशी को शाम के समय घर के मुख्य द्वार के सामने चौमुखा दीपक जलाकर रखा जाता है। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन यम के नाम से दीपदान जरूर करना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन कृष्ण, सत्यभामा और काली द्वारा राक्षस नरकासुर का वध किया गया था।
हाथी को मीठा खिलाने से परेशानियां दूर होंगी
इस दिन भक्त जल्दी उठते हैं और शरीर पर सुगंधित तेल लगाने के साथ नए कपड़े पहनते हैं। इसके बाद शाम के समय आतिशबाजी और दिए आदि जलाकर उत्सव का आनंद लिया जाता है। माना जाता है कि नरक चतुर्दशी को प्रातःकाल गजराज यानी कि हाथी को गन्ना या फिर मिठाई खिलाने से जीवन में चल रही समस्याएं खत्म हो जाती हैं।

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