कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Narak Chaturdashi 2022 : दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव में धनतेरस के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके ठीक दूसरे दिन बड़ी दिवाली मनाई जाती है। इसे नरका निर्वाण चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य डाॅक्टर त्रिलोकीनाथ के मुताबिक नरक दोष से मुक्ति पाने के लिए नरक चतुर्दशी को शाम के समय घर के मुख्य द्वार के सामने चौमुखा दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इससे अकाल मृत्यु का भय भी नहीं रहता है और जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान कृष्ण, सत्यभामा और काली द्वारा राक्षस नरकासुर का अंत यानी वध किया था। इसके बाद इस दिन खुशी में दीप जलाए गए थे।

हाथी को मीठा खिलाने से जीवन में आएंगी खुशियां
मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन लक्ष्मी जी का तेल में निवास होता है। इस दिन भक्त जल्दी उठते हैं और शरीर पर सुगंधित तेल लगाने के साथ नए कपड़े पहनते हैं। इसके बाद शाम के समय आतिशबाजी और दिए आदि जलाकर उत्सव का आनंद लेते हैं। माना जाता है कि नरक चतुर्दशी को सुबह उठकर गजराज यानी कि हाथी को गन्ना या फिर मिठाई खिलाना शुभ होता है। ऐसा करने से जीवन में चल रही समस्याएं खत्म हो जाती हैं। इसके साथ ही पैसा आने लगता है। इसके साथ ही इस दिन माता काली का पूजन भी किया जाता है। कहते हैं कि मां काली के विधिवत पूजन से शत्रुओं पर विजय मिलती है।

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