मन मोहने के सारे टिप्स अपनाए

पहले लैग्वेंज, उसके बाद हिस्ट्री और फिर पॉलिटिकल वार। गांधी मैदान का टेंपरेचर काफी बढ़ा हुआ था, पर मोदी ने पब्लिक का मन मोहने के सारे टिप्स अपनाए। ग्रीन कुर्ता और पिंक बंडी पहने नमो जब मंच पर आए, तो एक बारगी पूरा गांधी मैदान सिमटने लगा। मैदान में लगे एलसीडी के पास सभी जमने शुरू हो गए, मोदी भाषण से पहले उनके पीछे से शंखनाद किया गया गया। शंखनाद के बाद उन्होंने 'भारत माता की जय' के साथ अपने भाषण की शुरुआत की।

भोजपुरी और मैथिली में की शुरुआत

मोदी ने कहा कि यह महारैली नहीं, बल्कि भारत की महाशक्ति का अनुष्ठान है। इसके बाद वे बिहारी लैग्वेंज में बातें करने लगे। उन्होंने कहा कि 'वीर बाबू कुंवर सिंह को प्रणाम करतानी, देश में कोनो परिवर्तन बिहार की माटी के बिना संभव न होई, स्वर्णिम इतिहास बा, बिहार के लोग अवसरवादी न होखेला। इसके बाद उन्होंने सीमांचल की प्रॉब्लम पर बोलते हुए मैथिली में भाषण दिया और फिर हिंदी में बोलने लगे।

जब पड़ी हिंदुस्तान की जरूरत, तो

मोदी ने अपने स्पीच में बिहार का खूब गुणगान किया। हिंदुस्तान को जब-जब महापुरुषों की जरूरत रही है। बिहार सबसे आगे रहा है। जब देश को भगवान बुद्ध की जरूरत हुई, तो बुद्ध दिया। जब महावीर की जरूरत हुई, तो महावीर दिया। यही नहीं, दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह की जरूरत हुई, तो 'सवा लाख से एक लड़ाऊ, तब गुरु गोविंद सिंह कहाऊ'। इसके बाद जब देश में भ्रष्टाचार और लूट होने लगी, तो यही गांधी मैदान ने जय प्रकाश नारायण को दिया और देश की तस्वीर बदल गयी। पौराणिक बात करें, तो रामायण की सीता, महाभारत का कर्ण, गुप्त काल का चंद्रगुप्त, वैशाली का जनतंत्र पूरे देश में शिरमौर रहा। सम्राट की बात करें, तो अशोक से बड़ा नहीं और ज्ञान की बात की जाए, तो नालंदा से बड़ा कुछ नहीं था।

जेपी की पीठ पर ही खंजर भोंका

नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुझे कभी इसका सौभाग्य नहीं मिला कि मैं जेपी की अंगुली पकड़कर राजनीति करता। उनके साथ काम करने वालों ने उनकी पीठ पर ही छूरा भोंका है। जिस भ्रष्टाचार के खिलाफ जेपी ने इतनी बड़ी रैली की थी, वहीं सबसे अधिक भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब जेपी को छोड़ दिया, तो बीजेपी क्या चीज है।

बोलेंगे, तब तो सीबीआई पूछेगा

पीएम तो बोलते ही नहीं हैं। जब तक वे कुछ बोलेंगे नहीं, कोई उनसे क्या पूछेगा। सीबीआई भी यही सोच रही है जो पब्लिक को जवाब नहीं दे रहा है, वह सीबीआई के सवालों का कितना जवाब दे पाएगा।

जितना कीचड़ उड़ाओगे, कमल उतना ही खिलेगा

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम पर जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा। मोदी के नाम पर बेवजह परेशान हो रहे हैं लोग।

ऐतिहासिक नहीं, नए इतिहास की रैली

मोदी ने कहा कि गांधी मैदान की यह रैली ऐतिहासिक नहीं है, बल्कि नए इतिहास रचने वाली है। यह गांधी मैदान से होते हुए पूरे देश में फैलेगी। पब्लिक ने इस पर जमकर मचायी तालियां।

लोकतंत्र के चार दुश्मन

राजनीतिक व्यवस्था पर भी मोदी ने जमकर प्रहार किए। मोदी ने लोकतंत्र के चार दुश्मन भी बताए। उन्होंने कहा कि ये तमाम चीजें बिहार की राजनीति में उभर कर समाने आई हैं।

1. परिवारवाद या वंश वाद

2. जातिवाद का जहर

3. संप्रदायवाद का जुनून

4. अवसरवाद या मौकापरस्त