शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू, जगह की कमी के चलते हो रही शिफ्टिंग

Meerut। मेरठ का नारी निकेतन शिफ्ट हो रहा है। बुधवार को लालकुर्ती से सूरजकुंड स्थित बाल गृह की बिल्डिंग में शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई। डीपीओ ने बताया कि लालकुर्ती स्थित नारी निकेतन की इमारत में जगह की कमी चलते इसे शिफ्ट किया जा रहा है। एक-दो दिन में नारी निकेतन में रह रहीं 83 महिलाएं और बच्चों को बाल गृह की बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

चल रही थी प्रक्रिया

गौरतलब है कि मेरठ के लालकुर्ती स्थित महिला शरणालय में नारी निकेतन के अलावा पश्चात्यवर्ती देखरेख संगठन का संचालन हो रहा है। नारी निकेतन में बुधवार तक 68 महिलाएं और 15 उनके बच्चे रह रहे हैं जबकि पश्चात्यवर्ती देखरेख संगठन में 35 निराश्रित युवतियां हैं। करीब 120 महिलाएं और बच्चे शरणालय परिसर में रह रहे हैं, जबकि इनके रहने के लिए महज 3 हॉल हैं। संवासिनी और बच्चे यहां नारकीय हालत में रहने को मजबूर हैं तो वहीं हाईकोर्ट के दखल के बाद इस परिसर से अब नारी निकेतन को शिफ्ट जा रहा है।

3 करोड़ रुपए हुए बर्बाद

बता दें कि पूर्व में नारी निकेतन नोएडा में शिफ्ट होना था। विभागीय मंत्री के निर्देश पर नोएडा स्थित प्रोबेशन विभाग के आश्रय स्थल में इसे शिफ्ट किया जाना था। जिसके चलते तत्कालीन डिप्टी सीपीओ श्रवण कुमार गुप्ता ने शासन की ग्रांट पर करीब 3 करोड़ रुपए खर्च करके इस आश्रय स्थल का जीर्णोद्धार कराया था। किंतु संवासिनों को इस बिल्डिंग में शिफ्ट नहीं किया गया। मालूम चला कि नोएडा की बिल्डिंग तत्कालीन डिप्टी सीपीओ गुप्ता ने किसी प्राइवेट संस्था को दे दी थी। हाईकोर्ट के आदेश पर आनन-फानन में फैसले को बदला गया और नारी निकेतन को नोएडा के बजाय मेरठ के सूरजकुंड स्थित बाल गृह की बिल्डिंग में शिफ्ट करने पर निर्णय हुआ।

सुरक्षा का मुद्दा आएगा आड़े

नारी निकेतन में रह रहीं संवासिनों के लिए बाल गृह की बिल्डिंग में सुरक्षा का मुद्दा आडे़ आ सकता है। बता दें कि इस बिल्डिंग की बाउंड्री नहीं है। ऐसे में अराजकतत्वों का जमावड़ा नारी निकेतन के आसपास लगा रहेगा। वहीं इसी परिसर में बाल गृह के अलावा बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण ईकाई, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, उद्धार अधिकारी कार्यालय, नेशनल स्किल डेवलेपमेंट सेंटर का संचालन हो रहा है। रोजाना सैकड़ों लोगों का आवागमन इस बिल्डिंग में हो रहा है। ऐसे में संवासिनों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा होगा। बाल संप्रेक्षण गृह में रह रहे किशोर भी पेशी के लिए इसी बिल्डिंग में आते हैं।

नारी निकेतन को बाल गृह में शिफ्ट किया जा रहा है। शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एक-दो दिन में 83 महिलाओं और बच्चों को यहां (बालगृह) में शिफ्ट जाएगा। पूर्व में इसे नोएडा में शिफ्ट की योजना भी थी।

शत्रुघन कनौजिया, जिला प्रोबेशन अधिकारी