आजकल कई हिट फिल्मों का रीमेक बनाए जा रहे हैं. कई बन चुके हैं और कई पर काम चल रहा है. पर अगर फेमस एक्टर नसीरुद्दीन शाह की बात मानें तो उन्हें ये आइडिया पसंद नहीं है. 1983 में शेखर कपूर के डायरेक्शन में बनी उनकी और शबाना आजमी की हिट फिल्म ‘मासूम’ का रीमेक बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें रीमेक का मामला कुछ समझ नहीं आता. आज के टाइम में 'मासूम' का रीमेक बनाना स्टूपिडिटी होगी क्योंकि फेसबुक, व्हाट्सअप, गूगल के जमाने में कोई बच्चा दस साल तक अपने फादर से नहीं मिल पाए, यह बात उनकी समझ से बाहर है.

इस फिल्म में एक्टर जुगुल हंसराज ने बतौर चाइल्ड एक्टर नसीर के बेटे का रोल किया था और एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर भी एक चाइल्ड एक्टर उनकी और शबाना की बेटी बनी थीं. इसके बाद उर्मिला ने फिल्म 'चमत्कार' में भी एज लीड एक्ट्रेस नसीर की डॉटर का करेक्टर प्ले किया था जिसमें उनके अपोजिट शाहरुख खान थे.

Masoom movie still

नसीर अपनी फिल्मों को काफी क्रिटिकली देखते हैं इसीलिए जब वो 'मासूम' को एक बेहतरीन फिल्मा बताते हैं तो लगता है कि वो वाकई इस फिल्म  को पसंद करते हैं. वरना अपनी आर्ट फिल्म 'पार' को भी वो अच्छी फिल्म मानते हैं मास्टर पीस नहीं. नसीर का कहना है कि उन्होंने 'त्रिदेव' और 'डर्टी पिक्चर' जैसी फिल्में की हैं जो उन्हें पसंद नहीं हैं लेकिन उन्हें करने का उन्हें कोई अफसोस नहीं है. वो मानते हैं कि ये फिल्में लोगों को पसंद आयीं, इसलिए भले ही उनको अच्छी  नहीं लगीं फिर भी इन्हें करने का उन्हें कोई अफसोस नहीं है.

Hindi News from Bollywood News Desk

Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk