सरकार नहीं दोहराना चाहती बीते सत्र को
फिलहाल सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र का मोदी सरकार के कामकाज पर बड़ा असर पड़ेगा, क्योंकि इस बार के बजट में कई अहम अध्यादेश और विधेयक दांव पर हैं. गौरतलब है कि मोदी सरकार का यह पहला पूर्ण बजट होगा. सरकार को इसी सत्र में भूमि अधिग्रहण, बीमा, कोयला समेत तमाम अध्यादेशों पर मुहर लगवानी है. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ सबसे ज्यादा लामबंदी है. इसे देखते हुये सरकार ने इसमें संशोधन लाने की बात भी कह दी है. कुल मिलाकर पिछला सत्र जिस तरह से बेवजह बयानों की भेंट चढ़ा, सरकार उसे अब नहीं दोहराना चाहती.

मोदी सरकार की चमक पड़ी मंदी
संसद का पिछला सत्र घरवापसी व बेतुके बयानों के चलते हंगामे का शिकार हो गया था. अब देखा जाये तो दिल्ली में भाजपा की करारी हार के बाद मोदी सरकार की चमक भी थोड़ी कम पड़ी है. ऐसे में विपक्ष सरकार पर दबाव बढ़ाने का प्रयास भी करेगा. इसको देखते हुये मोदी सरकार कुछ ज्यादा ही सतर्कता के साथ काम ले रही है.

उठाये गये हर मुद्दे पर होगी बहस
बजट सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के प्रतिनिधियों को भरोसा दिया है कि इस दौरान जिस मुद्दे को भी उठाया जायेगा, उस पर संसद में बहस की जायेगी. विपक्ष के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की शुरुआत भी इस बैठक से हुई. इसमें 42 नेताओं ने अपने विचार रखे. संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि लगभग सभी पार्टियों के नेताओं ने बैठक में अपनी बात रखी है. बैठक से पहले नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की.

कांग्रेस नहीं दिख रही राहत देने के मूड में
सपा प्रमुख मुलायम सिंह और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पारिवारिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहुंचना संसद सत्र के लिए विपक्ष को शांत रखने की रणनीति से भी जोड़ा जा रहा है. हालांकि, कांग्रेस ने यह संकेत दे दिया है कि मोदी सरकार उससे मदद की उम्मीद न करे. ऐसे में सरकार के लिये सभी दलों को मनाकर रखना बहुत ज्यादा जरूरी है. इसके लिए सरकार के प्रबंधकों ने अभी से सारे घोड़े छोड़ दिये हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल मई के महीने में सत्ता में आने के बाद एक अंतरिम बजट प्रस्तुत किया था. उस समय से लेकर अब तक सरकार से जनता की उम्मीदें बढ़ी ही हैं.

विरोध कर सकती है कांग्रेस
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि कानून बनाने के लिये सरकार जिस तरह अध्यादेशों का सहारा ले रही है, उसका वह जोरदार विरोध करेगी. इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि विवादित भूमि सुधार अध्यादेश पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार को कोई आश्वासन नहीं दिया है. राज्य सभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा है कि इसको लेकर जिस तरह से माहौल बनाया जा रहा है, वह सरासर गलत है. उन्होंने भूमि सुधार अध्यादेश को किसान विरोधी बताते हुए इसका विरोध करने की बात कही. फिलहाल बजट सत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देशवासी बजट सत्र की ओर आशाओं और आकांक्षाओं के साथ देख रहे हैं. बजट से लोगों को ढेरों उम्मीदें हैं. ऐसे में ये हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि बजट सत्र को सुचारू रूप से चलायें.

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