-एक्सएलआरआई में 47वें नेशनल आईआर कॉन्फ्रेंस में बोले टीवी नरेंद्रन

JAMSHEDPUR: स्टील सेक्टर क्ख् साल पीछे चला गया है। आज स्टील का दाम वहां पहुंच गया है, जो वर्ष ख्00फ् में था। जाहिर सी बात है कि आज मैनपावर की कीमत उस समय जैसी नहीं है, लेकिन प्रोडक्टिविटी बढ़ी है। यह स्थिति सिर्फ भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया की है। ये बातें टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक (भारत व दक्षिण पूर्व एशिया) टीवी नरेंद्रन ने कहीं। वे शनिवार को एक्सएलआरआई में आयोजित ब्7वें नेशनल इंडस्ट्रियल रिलेशंस (आईआर) कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्टील सेक्टर में मंदी का एक दौर वर्ष ख्00क् में भी आया था, तब तत्कालीन प्रबंध निदेशक डॉ। जेजे ईरानी ने बड़ी सूझबूझ से इसका सामना किया था। उस वक्त उन्होंने कर्मचारियों से कहा 'अपने बच्चों को छोड़ो, अपनी नौकरी बचाओ'। आज की तारीख में भी लगभग वैसी ही स्थिति है। ऐसे समय में आईआर की चुनौती बढ़ गई है। यूनियन व प्रबंधन को एक-दूसरे के स्थान पर रहकर सोचना होगा। दोनों को ना केवल एक-दूसरे से सीखना चाहिए, बल्कि परिवार की तरह संकट से उबरने में सहायक बनना होगा। हालांकि टाटा स्टील क्00 वर्ष बाद भी इतनी मजबूती से खड़ा है, सिर्फ इसलिए कि इसकी यूनियन ने मुसीबत की घड़ी में प्रबंधन का साथ दिया है।

यूनियन नेताओं को भी सीखने की जरूरत

नरेंद्रन ने यूनियन नेताओं को भी प्रशिक्षण लेने की सलाह देते हुए कहा कि इसके सदस्य निष्पक्ष चुनाव से जीतकर आते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि चुनाव जीतते ही उनमें हर तरह की समझ आ गई। जिस तरह अधिकारियों को समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता है, यूनियन नेताओं को भी निरंतर सीखने की जरूरत है।

पीपी मित्रा ने किया समर्थन

इसी क्रम में 'चेंजिंग लेबर मार्केट एंड इंडस्ट्रियल रिलेशंस, चेंजिंग टाइम्स : मेक इन इंडिया एंड द इंश्यो¨रग लेबर रिफा‌र्म्स' विषयक सेमिनार को संबोधित करते हुए श्रम मंत्रालय के मुख्य सलाहकार पीपी मित्रा ने टीवी नरेंद्रन के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने इपीएफ विभाग द्वारा किए जा रहे यूनिवर्सल एकाउंट नंबर सहित केंद्र सरकार द्वारा जारी श्रम सुधारों के उपायों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए एक्सएलआरआइ के निदेशक फादर ई। अब्राहम ने संस्थान के इतिहास पर प्रकाश डाला, जबकि समापन करते हुए प्रो। कुरियाकोज मामकूटम (निदेशक, स्कूल ऑफ बिजनेस, अंबेदकर यूनिवर्सिटी, दिल्ली) ने प्रबंधन-यूनियन संबंध पर उदाहरण सहित विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर मैनेजमेंट छात्रों-शिक्षकों के अलावा टाटा वर्कर्स यूनियन, टेल्को वर्कर्स यूनियन समेत भाजपा, कांग्रेस समेत वामपंथी ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।