कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। National Sports Day 2023: मेजर ध्यानचंद को यूं ही नहीं हाॅकी का जादूगर कहा जाता है। आप उनकी शख्सियत का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह हिटलर ने उनके खेल से इंप्रेस होकर उनसे मिलने की इच्छा जताई और उन्हें अपने घर खाने पर बुलाया था। यही नहीं उन्हें जर्मनी की तरफ से खेलने का बड़ा ऑफर भी दिया था जिसको ध्यानचंद ने ठुकरा दिया था।

जब केएल सहगल ने गाए थे 14 गाने
हाॅकी प्लेयर ध्यानचंद और बाॅलीवुड सिंगर केएल सहगल से जुड़ा एक रोचक किस्सा भी है, जिसमें सहगल ने अपने एक वादे के चलते हाॅकी टीम के सामने 14 गाने गाये थे। आज भले ही ध्यानचंद को काफी सम्मान दिया जा रहा, मगर एक वक्त ऐसा भी था जब हॉकी के जादूगर एक मैच देखने के लिए खुद लाइन में लगे रहे। जब उनकी टीम एक टूर्नामेंट खेलने अहमदाबाद गई थी और मैच के दौरान ध्यानचंद जब स्टेडियम जा रहे थे तो एक पुलिसवाले ने उन्हें गेट पर रोक दिया था। तब अपने ही मैच में एंट्री पाने के लिए ध्यानचंद को लाइन में लगकर टिकट खरीदना पड़ा था।

ऐसे मिला हॉकी के जादूगर का उपनाम
बात जब हॉकी की हो या सेना में मिली जिम्मेदारी की उन्होंने अपने हर रोल को बखूबी निभाया है। 1922 में बतौर सैनिक सेना में भर्ती हुए और प्रमोशन पाकर मेजर के पद पर पहुंचे थे। 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक में 14 गोल करने के बाद यूरोपियन अखबारों ने उन्हें हॉकी के जादूगर का उपनाम दिया था जो बाद में काफी चर्चित हुआ था। हाॅकी के लिए मेजर ध्यानचंद का जुनून ऐसा था कि वह रोज देर रात तक चांद की रोशनी में ग्राउंड पर प्रैक्टिस किया करते थे। उन दिनों बिजली की सुविधा आज की तरह नहीं थी इसलिए वह चांद की रोशनी में खेलते थे। इसी जोश को देखकर उनके साथियों ने उन्हें चांद कहना शुरू कर दिया था।