- नेशनल टेक्नालॉजी डे पर बच्चों ने जाना भूकंप से बचने का तरीका

- डिस्ट्रिक्ट साइंस क्लब की ओर से श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल में आयोजित हुआ सेमिनार

ALLAHABAD: भूकंप आने से पहले ही पशु, पक्षियों, कुत्तों, चीटियों व चूहों जैसे जीव-जंतुओं को इसका आभास हो जाता है। और वे भवनों से निकलकर बाहर की ओर से भागने लगते हैं। क्योंकि उनके पैरों में धरती की हलचल का सेंस सबसे पहले हो जाता है। ये बातें मंडे को नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर डिस्ट्रिक्ट साइंस क्लब की ओर से आयोजित हुए बाल विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम के दौरान एमएनएनआईटी के डीन प्रो। एसके दुग्गल ने कही। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बच्चों को भूकंप आने के पूर्व होने वाली गतिविधियों और उससे बचने के उपाय भी बताए। भूकंपरोधी टेक्नोलॉजी विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि भूकंपरोधी भवनों के निर्माण से ही जन-धन की हानी को कम किया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने भूकंप से जुड़ी स्टूडेंट्स की क्वैरीज को भी बेहद सरल अंदाज में सॉल्व किया।

मॉडल्स में दिखी स्टूडेंट्स की प्रतिभा

बाल विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम के दौरान सबसे अधिक आकर्षण का केन्द्र स्टूडेंट्स द्वारा तैयार किए गए मॉडल्स रहे। स्टूडेंट्स ने कई मॉडल्स को तैयार करके हर किसी को अपनी सोच और प्रतिभा का लोहा मानने पर मजबूर कर दिया। जूनियर वर्ग में स्टूडेंट्स ने भूकंपरोधी तकनीकी पर कई बेतरीन मॉडल तैयार किए। कार्यक्रम में स्टूडेंट्स के बीच पोस्टर-पेंटिग प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ। चीफ गेस्ट प्रो। एसके दुग्गल ने भी स्टूडेंट्स द्वारा तैयार साइंस मॉडल्स की तारीफ करते हुए उनका उत्साह बढ़ाया। कार्यक्रम में क्फ् स्कूलों के तकरीबन पांच सौ स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया।

रिसर्च के क्षेत्र में आएं

इस मौके पर हरिश्चन्द्र अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक प्रो। एसके राय ने बताया कि भौतिकी के लिए किसी भी चीज का अवलोकन, प्रयोग और निष्कर्ष महत्वपूर्ण है। किसी भी घटना को किसी एक व्यक्ति के देखने से उसे मान्यता नहीं मिलती है। ब्रम्हाण्ड पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण ब्रम्हांड का मात्र दशमलव छह प्रतिशत हिस्सा ही ज्ञात किया गया है। जबकि उसका बहुत बड़ा भाग आज भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बना हुआ है। जिस जानने के लिए लगातार अनुसंधान किए जा रहे है। उन्होंने बच्चों को भी रिसर्च के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस मौके पर अपर जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी डॉ। डीडी सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए प्रोत्साहित किया। मॉडल, पोस्टर, पेंटिग समेत अन्य प्रतियोगिता में विनर्स रहे प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया गया।

स्वच्छ भारत व क्लीन गंगा पर रहा फोकस

द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस इंडिया यानी नासी में भी नेशनल टेक्नोलाजी डे पर सेमिनार का आयोजन किया गया। चीफ गेस्ट डायरेक्टर एमटेक एंड स्कूल ऑफ बायोलॅाजिकल साइंस चंडीगढ़ प्रो। अमित घोष ने क्लीन टेक्नोलाजी फॉर स्वच्छ भारत पर अपना व्याख्यान दिया। प्रोग्राम में प्रो। एसएल श्रीवास्तव, नाटी के एक्सक्यूटिव सेकेट्री डॉ। नीरज कुमार, प्रो। यू सी श्रीवास्तव समेत अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में नासी की ओर से फरवरी में आयोजित हुए डिस्ट्रिक्ट लेवल टैलेंट सर्च काम्पिटीशन के विनर्स को भी सम्मानित किया गया।