यूपीए सरकार के फैसले को रोका

आम आदमी को महंगाई की मार से बचाने के लिए मोदी सरकार ने अपना पहला कदम बढ़ाते हुए नेचुरल गैस की मूल्यवृद्धि का फैसला तीन महीनों के लिए टाल दिया है. जनता के हित में उठाए गए मोदी सरकार के इस कदम से रिलायंस जैसी गैस उत्पादक कंपनियों को बड़ा झटका लगा है. रिलायंस व अन्य गैस उत्पादक कंपनियां काफी दिनों से गैस कीमत में वृद्धि की मांग कर रहीं थीं और नई सरकार से पहले यूपीए सरकार ने नेचुरल गैस की कीमतें बढ़ाने का फैसला भी कर दिया था. उसी फैसले को मोदी सरकार ने फिलहाल लागू होने से रोक दिया है.

सितंबर तक रहेगा भाव

यूपीए सरकार का फैसला लागू होने पर नेचुरल गैस के दाम बढ़कर 4.2 डॉलर प्रति मिलियन थर्मल यूनिट से बढ़कर 8.8 डॉलर हो जाते. इससे न सिर्फ सीएनजी की कीमत बढ़ती, बल्कि बिजली और खाद की कीमतें भी बढ़ जातीं. नेचुरल गैस के साथ-साथ सरकार ने रसोई गैस और केरोसिन की मूल्यवृद्धि का भी कोई प्रस्ताव होने से इन्कार किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट समिति की बैठक में नेचुरल गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की समीक्षा को तीन महीनों के लिए टालने का फैसला किया गया. इस बात की जानकारी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने दी. प्रधान ने जानकारी देते हुए कहा कि नेचुरल गैस का मौजूदा भाव 4.2 डॉलर प्रति मिलियन थर्मल यूनिट सितंबर तक यही भाव जारी रहेगा.

जनता के हित को रखा जाएगा ध्यान में

गौरतलब है कि यूपीए सरकार ने गैस कीमत तय करने के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी थी, जो की एक जुलाई से लागू होना था. यूपीए सरकार का ये फैसला पहले एक अप्रैल से लागू होना था, लेकिन लोकसभा चुनावों की घोषणा होने के बाद इसे तीन महीने तक टाल दिया गया था. प्रधान ने कहा कि कैबिनेट की आर्थिक मामलों संबंधी समिति ने तय किया है कि इस मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श आवश्यक है. लिहाजा, ये तय हुआ है कि सभी संबंधित पक्षों से विचार विमर्श किया जाएगा और जनता के हित को दिमाग में रखते हुए फैसले लिए जाएंगे. हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि क्या सरकार ने इस संबंध में कोई समिति या एक समूह बनाया है?

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