-6 अप्रैल को हिन्दू नववर्ष नव संवत्सर 2076 के साथ ही चैत्र नवरात्र की शुरूआत

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BAREILLY : चैत्रशुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर 6 अप्रैल को हिन्दू नववर्ष नव संवत्सर 2076 के साथ ही चैत्र नवरात्र की शुरूआत हो रही है. नवरात्र इस बार अमृत योग के साथ रेवती नक्षत्र में शुरू हो रहे हैं. इस बार कई दुर्लभ संयोग भी बन रहे हैं.

नौ दिन होंगे नवरात्र
बालाजी ज्योतिष संस्थान के पं. राजीव शर्मा ने बताया कि घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त में 12:05 से 12:55 बजे तक होगी. इस बार चैत्र नवरात्र पूरे नौ दिन के रहेंगे, कोई भी तिथि का इस बार क्षय नहीं होगा. इसके साथ ही दुर्गाष्टमी व रामनवमी एक साथ मनाई जाएगी. 14 अप्रैल को नवरात्र का समापन होगा. नवरात्र की शुरूआत उदयव्यापिनी प्रतिपदा में होगी, जोकि 6 अप्रैल को दोपहर 3:24 तक रहेगा.

 

यह बन रहा योग

 

6 अप्रैल- घट स्थापना, मां शैलपुत्री पूजा

7 अप्रैल- मां ब्रह्माचारिणी की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग व राजयोग

8 अप्रैल-मां चंद्रघंटा की पूजा, रवि योग

9 अप्रैल- मां कुष्मांडा की पूजा, सर्वाथ सिद्धि योग

10अप्रैल- मां स्कंध माता की पूजा, सर्वाथ सिद्धि योग, कुमार योग

11 अप्रैल मां कात्यानी की पूजा, रवि योग

12 अप्रैल -मां कालरात्रि की पूजा, सर्वार्थ सिद्धि योग

13 अप्रैल -महागौरी रामनवमी, रवि योग

14 अप्रैल -नवरात्र समापन, सवार्थ सिद्धि योग

 

राशिवार ऐसे करें पूजन

मेष: मेष राशि वाले जातक शैलपुत्री की उपासना करें एवं प्रत्येक माह की नवमी तिथि का व्रत करें

वृषभ: ब्रह्यचारिणी की उपासना करें तथा प्रत्येक माह की नवमी तिथि का व्रत करें

मिथुन. चन्द्रघण्टा की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें

कर्क: सिद्धिदात्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की नवमी तिथि का व्रत करें

सिंह: कालरात्रि की उपासना के साथ अष्टमी तिथि का व्रत करना चाहिए

कन्या: चन्द्रघण्टा की उपासना के साथ प्रत्येक माह की नवमी तिथि का व्रत रखना चाहिए

तुला: ब्रहचारिणी की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत रखें

वृाश्चिक: शैल पुत्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें

धुन: सिद्धदात्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करना चाहिए

मकर: सिद्धदात्री की उपासना के साथ काली की उपासना करना भी अति लाभदायक रहेगा तथा प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें

कुंभ: सिद्धदात्री एवं काली की उपासना करना लाभदायक रहेगा एवं नवमी तिथि का व्रत करना भी लाभदायक रहेगा

मीन : सिद्धदात्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की नवमी तिथि का व्रत करना चाहिए

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