-फैमिली प्लानिंग और कैंसर प्रोजेक्ट पर काम करने वाली डॉ। रूचि को राष्ट्रीय पुरस्कारों से किया गया है सम्मानित

देवी दुर्गा के छठवें स्वरूप को मां कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी पुत्री का स्वरूप है जो अपनी मेहनत के दम पर सफलता और प्रसिद्धि की ऊंचाइयां पाती हैं। उनका यह रूप ऐसा है जिस पर उनके माता-पिता भी गर्व कर सकें। कुछ ऐसा ही व्यक्तित्व है शहर की प्रसिद्ध गाइनकोलॉजिस्ट डॉ। रूचि पाठक का। जिन्होंने अपने दम पर सफलता की नई इबारत लिखी है। उनके परिश्रम ने उन्हें शीर्ष पर पहुंचा दिया है। समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने वाली डॉ। पाठक को ढेरों राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। उन पर माता-पिता के साथ पति को गर्व है। उन्हें पूरा सहयोग भी देते हैं।

गरीबों की करती हैं सेवा

नेवादा, सुंदरपुर निवासी पीडियाट्रीशियन डॉ। विकास पाठक की वाइफ डॉ। रूचि पाठक शहर की मशहूर स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं। वर्तमान में उन्हें आयुष योजना के तहत मडुवाडीह में खुले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का इंचार्ज भी बनाया गया है। चिकित्सा व समाजसेवा के क्षेत्र में कदम रखने वाली डॉ। रूचि ने ऊंचाई हासिल करने के लिए खूब संघर्ष किया है। जिन्हें वो कभी नहीं भूलती हैं। माता-पिता का सहयोग उन्हें हर कदम पर मिलता रहा। साल 2000 में डॉ। विकास पाठक के साथ शादी के बंधन में बंधी डॉ। रूचि के मन में बचपन से ही गरीबों व असहायों की सेवा की भावना रही। इस वजह से अपनी प्रैक्टिस छोड़कर एक एनजीओ से जुड़ गयीं। फैमिली प्लानिंग और कैंसर जैसी घातक बीमारियों पर काम करना शुरू किया। हजारों गरीब परिवारों नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाली डॉ रूचि मानती हैं कि परिश्रम और लगन से ही बड़ा काम आसान होता है। दो बेटियों अपूर्वा व रूचिका की मां डॉ। रूचि यह सीख अपनी बेटियों को भी देती हैं।