रांची : नवरात्र में झारखंड के लोगों खासकर रांचीवासियों को तारामंडल का तोहफा मिला है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को रांची स्थित साइंस सेंटर परिसर में राज्य के इस पहले तारामंडल का उद्घाटन फीता काटकर किया। प्रसिद्ध खगोलशास्त्री व गणितज्ञ वराहमिहिर के नाम पर इसका नाम वराहमिहिर तारामंडल रखा गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नामकुम के सिरखा टोली में बने झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के भवन का ऑनलाइन उद्घाटन किया। उन्होंने साइंस सिटी परिसर में ही इनोवेशन हब का भी शिलान्यास किया।

धरातल पर उतरा

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षो से यह निर्माण लंबित था, जो अब धरातल पर उतरा। कहा, यह तारामंडल छात्रों, खगोलविदों तथा शोधकर्ताओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। रांची खगोलीय शिक्षा का राष्ट्रीय केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक के बिना झारखंड की तरक्की नहीं हो सकती और सरकार का पूरा जोर विज्ञान और तकनीक के विकास पर है। उन्होंने विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकार द्वारा इंजीनिय¨रग व डिप्लोमा के टॉपरों को प्रोत्साहन राशि देने तथा सेमिनार, कार्यशाला आदि के आयोजन के लिए अनुग्रह राशि देने की जानकारी दी। उन्होंने बच्चों व युवाओं से विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने तथा ऊंचा लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान किया, ताकि खगोलशास्त्र तथा विज्ञान में झारखंड का भी परचम लहराए। उन्होंने कहा कि इनोवेशन हब की स्थापना के बाद बच्चे विज्ञान व तकनीक में नए आइडिया विकसित कर सकेंगे। इसका निर्माण 1.80 करोड़ की लागत से होगा, जिसमें आधी राशि केंद्र सरकार वहन कर रही है। मौके पर शिक्षा मंत्री नीरा यादव, सांसद संजय सेठ, विधायक जीतू चरण राम, मेयर आशा लकड़ा, उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह, झारखंड विज्ञान एवं तकनीक परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जीएसपी गुप्ता व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

50 रुपये होगा शुल्क, पहले दिन था फ्री

तारामंडल में प्रदर्शनी का समय सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक होगा। लगभग आधे घंटे का शो होता है। इसके लिए 50 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। स्कूली बच्चों को इसमें छूट है। पहले दिन यह निश्शुल्क था। उद्घाटन के बाद ही इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

फैक्ट फाइल :

- 160 सीटों वाले इस तारामडंल का निर्माण 26 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है।

- इसमें लोग ब्लैक होल, बिग बैंग थ्योरी, विभिन्न ग्रहों आदि का ज्ञान ले सकेंगे। इसमें अंतरिक्ष में जाने की अनुभूति होती है।

- इसमें एक एस्ट्रोनॉमी गैलरी भी है, जिसमें अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित चीजों को रखा गया है। खगोल विज्ञान क्लब की भी व्यवस्था है।

- एक समय में 8500 तारे स्क्रीन पर दिखाए जाते हैं, जिसके लिए हायर एएनएसआइ लूमन कैपेसिटी प्रोजेक्टर लगाया गया है।

- इसमें पूरी तरह स्वचालित खगोलीय दूरबीन सहित आकाश अवलोकन की सुविधा है।

- एक 360 डिग्री का अ‌र्द्धगोलाकार प्रक्षेपण पर्दा है, जिसपर आकाश प्रतीत होता है।