- या देवी सर्वभूतेषु का लोगो लगाएं

-योग के जरिए आम लोगों को स्वास्थ रहने के गुर सिखा रहीं ज्ञानमाता

- मेडिकल प्रैक्टिस छोड़कर निश्शुल्क फैला रही है क्रियायोग का प्रकाश

<- या देवी सर्वभूतेषु का लोगो लगाएं

-योग के जरिए आम लोगों को स्वास्थ रहने के गुर सिखा रहीं ज्ञानमाता

- मेडिकल प्रैक्टिस छोड़कर निश्शुल्क फैला रही है क्रियायोग का प्रकाश

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: नवरात्र में देवी भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। जो विश्व को अलग-अलग रूपों में जीवन का आधार देती है। नवरात्र का पांचवे दिन मां आदि शक्ति के स्कंद माता के स्वरूप का है। जो योग के ज्ञान के प्रकाश को जन जन तक पहुंचाकर उन्हें जीवन जीने की कला का ज्ञान देती है। मां के इसी स्वरूप के प्रति अपना जीवन समर्पित करने में जुटी हैं ज्ञान माता डॉ। राधा सत्यम। इन्होंने मेडिकल प्रैक्टिस छोड़कर योग तक पहुंचने के माध्यम क्रियायोग को अपनाया और इसके प्रकाश को जन जन तक पहुंचाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। जिससे प्रत्येक व्यक्ति क्रियायोग के इस प्रकाश को आत्मसात करके जीवन जीने की अनूठी कला को सीख सके।

अभियान चलाकर दे रहीं ज्ञान

क्रियायोग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान की महासचिव ज्ञानमाता डॉ। राधा सत्यम कई वर्षो तक मेडिकल डाक्टर के रूप में कार्य करने के दौरान ही क्रियायोग आश्रम के गुरुदेव योगी सत्यम के सानिध्य में आयी। उसके बाद उन्होंने जॅाब छोड़कर क्रियायोग की गतिविधियों में सक्रिय रूप से कार्य करने लगी। क्रिया योग से लोगों को होने वाले फायदे को देखते हुए उन्होंने इसे जन -जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। उसके बाद से ये कई वर्षो से क्रियायोग आश्रम में रहकर लोगों और स्टूडेंट्स को क्रियायोग के विषय में जानकारी देने के साथ ही उन्हें ट्रेनिंग दे रही है। जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि अभियान चलाकर वे गांवों में भी लोगों को क्रियायोग की ट्रेनिंग दे रही हैं। जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सके और आनंद दायक जीवन को व्यतीत कर सके। अभी तक ज्ञान माता डॉ। राधा सत्यम ने शहर के सैकड़ों स्कूलों में हजारों बच्चों और टीचर्स को क्रिया योग की ट्रेनिंग दी है। उन्होंने अपने जीवन का आखिरी लक्ष्य लोगों को क्रियायोग से जोड़कर उन्हें स्वस्थ्य जीवन जीने की कला सिखाने के लिए समर्पित कर दिया है।