- बच्चे को गर्मी से बचाने के लिए अस्पताल परिसर में फर्श पर बैठ गई प्रसूता

-परिजनों की मिन्नतों के बाद भी नहीं चलाया जेनरेटर

NAWABGANJ : इसे डॉक्टरों की असंवेदनहीनता कहें या फिर अडि़यल रवैया। सोमवार को सीएचसी में बच्चे को जन्म देने के बाद एक प्रसूता और बच्चा गर्मी से कराहते रहे। बच्चे को गर्मी से बेचैन देख अपना दर्द भूलकर वह उसे वार्ड के बाहर फर्श पर बैठ गई, ताकि बच्चे को गर्मी से राहत मिल सके। तहसील नवाबगंज के ग्राम धिमरी निवासी गंगादीन की पत्‍‌नी ममता रानी ने सोमवार को सीएचसी में एक पुत्र को जन्म दिया। अस्पताल में बिजली न होने के कारण महिला वार्ड में भर्ती मरीज भीषण गर्मी और उमस से छटपटा रहे थे। वार्ड में भर्ती महिलाएं और उनके बच्चे गर्मी से परेशान थे। पत्‍‌नी और बच्चे को बेचैन देख गंगादीन अस्पताल स्टॉफ से जेनरेटर चलाने की बात की, लेकिन उन्हें यहां दो टूक जवाब मिला कि जेनरेटर में तेल नहीं है। वहीं ग्राम टाह की रेखा अपने बच्चे को लेकर गेट के पास जाकर लेट गई। मरीजों का कहना था कि बिजली के न होने पर हाल बेहाल है।

अफसरों के आने पर चलता है जेनरेटर

बिजली संकट को देखते हुए अस्पतालों में जेनरेटर लगाएं गए थे, ताकि लाइट जाने पर उपचार कार्य और भीषण गर्मी में मरीज चैन से सो सकें। लेकिन नवाबगंज सीएचसी में जेनरेटर चलने की आवाज तभी सुनाई देती है, जब किसी अफसर का दौरा हो, या फिर स्टाफ को जरूरत हो।

बिजली जाने के बाद अस्पताल में जेनरेटर से सप्लाई जरूरत के हिसाब से की जाती है, यदि अस्पताल में जेनरेटर नहीं चलता है तो जांच कराई जाएगी। मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत आने नहीं दी जाएगी।

-विजय यादव, सीएमओ