क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:झारखंड में फैले रेड कॉरिडोर में आतंकवाद की दस्तक अब साफ सुनाई देने लगी है. माओवादी न केवल आतंकवाद को सपोर्ट करने की बात कर रहे हैं बल्कि आतंकी हमले में जवानों की शहादत को भी सही ठहरा रहे हैं. जिस मामले में पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई, हर शख्स जवाबी हमले की बात करता रहा उसी मामले में माओवादियों ने आतंकियों द्वारा किए गए आत्मघाती हमले को सही ठहराया और इसे आतंकी हमला न बताते हुए दमन की रणनीति का विरोध कहा है. माओवादियों की केन्द्रीय कमिटी द्वारा आतंकवादियों का सपोर्ट करता हुआ रिलीज जारी कर रूरल एरिया के लोगों और कैडरोंके बीच बांटे गए हैं. बिहार झारखंड रिजनल यूनिफाइड कमांड ने भी पर्चे बांटकर लोगों को माओवादियों के साथ जुड़ने और सपोर्ट करने की बात कही है. पुलिस ने रीलिज और पर्चो को कब्जे में ले लिया है.

संगठन को बचाने की कोशिश

माओवादियों का संगठन कमजोर पड़ता जा रहा है. उसके धुरंधर ओहदेदार अब सीधे आतंकवाद के साए में खुद को महसूस करने लगे हैं. अधिकारियों की मानें तो टूट चुके संगठन को फिर से बचाने के लिए आतंकियों के साथ सांठगाठ करने की बात कही जा रही है.

चुनाव नजदीक, पुलिस हाई अलर्ट पर

चुनाव नजदीक आ चुके हैं और आचार संहिता लागू है. ऐसे में आतंकियों के साथ माओवादियों की सांठगांठ और सपोर्ट की जानकारी के बाद राज्य पुलिस हाई अलर्ट पर है. सभी जिलों के एसपी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि अपने क्षेत्र में लगातार कांबिंग ऑपरेशन चलाएं और नक्सलियों को खदेड़ते रहें.