-जीआरपी आगरा कैंट थाने में वर्ष 1993 में दर्ज हुआ था मुकदमा

-तारीख पर नहीं आ रहे थे, कोर्ट ने एसएसपी को दिए हाजिर कराने के आदेश

आगरा: विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) ने भाजपा सांसद राजकुमार चाहर और विधायक योगेंद्र उपाध्याय समेत चार लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। अदालत ने एसएसपी को आरोपितों को कोर्ट में हाजिर कराने के आदेश दिए हैं।

जीआरपी आगरा कैंट थाने में दो जनवरी 1993 को जानलेवा हमले और बलवा, चोरी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें भाजपा नेता हृदयनाथ दीक्षित, योगेंद्र उपाध्याय, राजकुमार चाहर, मुकेश गुप्ता, त्रिलोकी नाथ अग्रवाल, योगेंद्र सिंह परिहार, डॉ। रामबाबू हरित, शैलेंद्र गुलाटी एवं सुनील शर्मा आदि को आरोपित बनाया गया था।

उक्त मुकदमा विशेष न्यायाधीश (एमपी/ एमएलए) उमाकांत जिंदल की अदालत में विचारण को लंबित है। इसमें सांसद राजकुमार चाहर, विधायक योगेंद्र उपाध्याय, दयनाथ दीक्षित एवं अन्य लंबे समय से हाजिर नहीं हो रहे। अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी करके हाजिर कराने के आदेश थानाध्यक्ष जीआरपी कैंट को दिए थे। थानाध्यक्ष द्वारा अदालती आदेश का अनुपालन नहीं किया गया।

विशेष न्यायाधीश ने माना कि थानाध्यक्ष द्वारा अदालती आदेश के अनुपालन में रूचि न लेते हुए आरोपितों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही। विशेष न्यायाधीश ने आरोपितों के खिलाफ दोबारा गैर जमानती वारंट एवं जमानतदारों को नोटिस जारी किया है। एसएसपी को आरोपितों को अदालत में हाजिर कराने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई दो नवंबर को नियत की है।

ये है मामला

दो जनवरी 1993 की रात 8:30 बजे तत्कालीन केंद्रीय राज्यमंत्री माधवराव सिंधिया परिवार के साथ शताब्दी एक्सप्रेस से ग्वालियर से दिल्ली जा रहे थे। कैंट स्टेशन पर शताब्दी के रुकने के दौरान बड़ी संख्या में भाजपाइयों ने उस दौरान प्रदर्शन किया था। मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ एक मुकदमा अमर सिंह निवासी बी-13 ग्रेटर कैलाश एन्क्लेव-दो, नई दिल्ली और दूसरा मुकदमा उप स्टेशन अधीक्षक किरन प्रताप सिंह ने जीआरपी कैंट थाने में दर्ज कराया था। इसमें भाजपा नेताओं एवं अज्ञात लोगों पर बलवा और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप था।