मॉस्क और सेनेटाइजर बनाने के अभियान में भी जुटा एनसीआर

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PRAYAGRAJ:

लॉकडाउन के दौरान यात्री सेवाएं जहां पूरी तरह से ठप हैं, वहीं आवश्यक सामानों की आपूर्ति के लिए मालगाडि़यों का संचालन जारी है। जिसमें रेल कर्मचारी पूरी ताकत के साथ लगे हुए हैं। वहीं एनसीआर की कोचिंग डिपो और अन्य इकाइयां अब तक दस हजार मॉस्क बना चुकी हैं। सेनेटाइजर बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। अब तक 2000 लीटर सेनेटाइजर तैयार कर लिया गया है।

पूर्वोत्तर रेलवे के मॉडल पर बन रहे आइसोलेशन कोच

एनसीआर ने अपने कोचिंग डिपो और वर्कशॉप में 30 कोचों को आइसोलेशन कोच में परिवर्तित करने का काम शुरू कर दिया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे और उत्तर रेलवे द्वारा बनाए गए प्रोटोटाइप कोच के डिजाइन के अनुरूप ही उत्तर मध्य रेलवे द्वारा भी आइसोलेशन कोच बनाए जाएंगे।

एक हजार लोगों को पर-डे भोजन करा रहा है आरपीएफ

रेलवे बोर्ड ने अस्थायी रूप से रिटायर रेलवे मेडिकल प्रैक्टिशनर या खुले बाजार से डॉक्टरों और पैरामेडिक कर्मचारियों को रखने के लिए अधिकृत किया है। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न स्थानों पर फंसे करीब 750 संविदा मजदूरों का उत्तर मध्य रेलवे के तीन मंडलों द्वारा देखभाल किया जा रहा है। आरपीएफ एनसीआर द्वारा पर-डे 1000 से अधिक जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।