- राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में दिख रहे कला के विविध रंग

- सामाजिक जीवन पर आधारित नाटकों के मंचन को देखने का मिल रहा मौका

ALLAHABAD: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में चल रहे राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में कला व रंगमंच की विभिन्न विधाओं को देखने का मौका शहरियों को मिल रहा है। आधारशिला संस्था द्वारा आयोजित राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में आए कलाकार अपने शानदार अभिनय और बहुआयामी कला के जरिए नाटक के सभी पात्रों को जीवंत कर रहे है। मंडे को रागा रंगमंडल पटना बिहार से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए नाटक 'नटमेठिया' में दर्शकों को ऐसा ही नजर आया। इस नाटक की खास बात ये रही है कि इसका केन्द्र कोई और नहीं बल्कि लेखक, कवि, अभिनेता, निर्देशक, गायक, रंग प्रशिक्षक भिखारी ठाकुर थे। कलाकारों ने खूबसूरत प्रस्तुति से लेखक की जीवन यात्रा का बखूबी चित्रण किया।

सामाजिक जटिलताओं पर कटाक्ष

नाटक की कहानी भारतीय समाज की जटिल वर्गीय व जातीय बुनावट को खुद में समेटे हुए है। कलाकारों ने भी इसे बेहद प्रभावशाली ढंग से दर्शकों के सामने पेश किया। साथ ही भिखारी ठाकुर की संघर्षशील जीवनयात्रा (क्887 से क्97क्) की हर घटनाओं को संजीदगी से प्रस्तुत किया। यह नाटक नाट्यकला के प्रति पूर्णतया समर्पित भिखारी ठाकुर के जीवन, कला व लेखन के माध्यम से एक खास प्रकार का दलित व स्त्री विमर्श भी प्रस्तुत करने का प्रयत्‍‌न करता है। इसमें उनके संघर्ष के साथ ही साथ भारतीय वर्ग, वर्ण व्यवस्था का सजीव रोचक व क्रूर चित्रण भी सामने आता है। नाटक में सुनील बिहारी, अजीत कुमार, मनीष महिवाल, बुल्लू कुमार, आशुतोष अभिज्ञ, आकाश कुमार, रवि कौशिक, रानू बाबू, निखिल कुमार, हरिशंकर रवि एवं शिल्पा भारती ने शानदार अभिनय किया। दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साह वर्धन किया।