- नगर पालिका की अनदेखी का शिकार अनूप नगर, प्रेम नगर कालोनी के लोग

- सरकारें आई और गई लेकिन नहीं हो पाई बिजली, सड़क व पानी की पूर्ति

Mawana : नगर पालिका कस्बे में विकास के भले ही जितना दावा करती हो, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल जुदा है। नगर में प्रेम नगर नाम की एक ऐसे कॉलोनी है, जहां पिछले 34 सालों में मूलभूत सुविधाओं का भी विकास नहीं किया गया। वर्ष 82 में वार्ड 22 में महादेव मंदिर के सामने बनी प्रेम नगर और अनूप नगर कालोनी आज भी मूलभूत सुविधाओं से महरुम है।

स्त्रच्ची सड़के और बल्लियों पर तार

यहां कच्ची सड़के और बास पर झूलते बिजली के तार जीवन का शगल बन गई हैं। कॉलोनी के लोग बिजली-पानी-सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। नगर पालिका व तहसील अधिकारियों से शिकायतें की गई, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। सात योजना से माननीय चुनते आ रहे है मगर उनकी सुध लेने वाला कोई नही है। इन्ही समस्याओं के मकड़जाल में फंसे यहां के वा¨शदों को उम्मीदों की कोई किरण नजर नही आ रही।

बदहाली में 84 परिवार

कालोनीवासियों के मुताबिक इस कालोनी में लगभग 84 परिवार रहते हैं। कालोनी में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। अनूपनगर-प्रेम नगर कालोनी के वासियों को जैसे तैसे बिजली आपूíत तो कराई जा रही है, मगर वह भी अनियोजित तरीके से लगाए गए लकड़ी की बल्ली पर केबल झूलते नजर आ रहे है। मकानों को छूते केबल और सड़कों को चूमते तार कभी भी दुर्घटना को दावत दे सकते है। इतना ही नही नगर पालिका की जल आपूíत से भी लोग वंचित है।

तालाब में तब्दील क्षेत्र

कालोनी में पक्की सड़क तक नही है। च्च्ची पगडंडियां बनी हुई है जो नियोजित जल निकासी न होने से रास्तों पर बह रहे पानी के कारण बड़े-बड़े गड्ढों से क्षतिग्रस्त है। बरसात के समय में गड्ढे व च्च्ची पगडंडियां पानी से लबालब भरी रहती है। कालोनी के वा¨शदे तेजपाल सिंह यादव, बिल्लू पधान, हरवीर सिंह, जितेंद्र, नरेंद्र सिंह, शिक्षक नरेंद्र कुमार शर्मा अंकित कुमार आदि ने बताया कि जहां प्रदेश सरकार घर-घर में मूलभूत आवश्यकताओं देने के वादे कर रही है, वहीं आधुनिक श्रेणी में सम्मिलित नगर पालिका के क्षेत्राधिकार में आने वाली अनूपनगर-प्रेमनगर कालोनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।

महादेव के सामने वाली कालोनी नगर पालिका की जद से बाहर है। अगर वहां वार्ड 22 का सभासद है तो जानकारी की जाएगी.अनुज कौशिक

ईओ नगर पालिका मवाना