-एसआईटी भंग होने के बाद भी हटाए गए अफसरों ने की थी किडनी कांड के आरोपियों से पूछताछ, बयान भी दर्ज किए

-आरोपियों पर शिकंजा कसने के जाए सेटिंग करने में लगे थे, खुद को बचाने के लिए बैक डेट में पर्चे काटने का आरोप

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KANPUR : शहर से जुड़े किडनी कांड के आरोपियों को बचाने के लिए एसआईटी ने जांच में भरपूर खेल किया है. एसआईटी के अफसर किडनी कांड का खुलासा करने वाली महिला और उसके पति को कई बार दिल्ली ले गए. वहां पर अफसरों ने महिला और उसके पति की निशानदेही पर दबिश तो दी, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं की. आरोप है कि एसआईटी अफसर वहां पर सेटिंग कर वापस लौट जाते थे. इधर, एसआईटी के हत्थे चढ़े आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चल गया कि बिचौलिये ने किससे महिला की किडनी का सौदा किया था. किस नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे.

खुलता जा रहा है खेल

किडनी कांड में एसएसपी की कार्रवाई के बाद एसआईटी का 'खेल' खुलता जा रहा है. शुरुआती जांच में पता चला है कि एसएसपी ने एक सप्ताह पहले ही एसआईटी भंग कर दी थी, लेकिन इसके बाद भी एसआईटी से हटाए गए पुलिस अफसर विवेचना करते रहे. वादी के बयान भी दर्ज किए थे. एसएसपी ने एसआईटी से सीओ, बर्रा इंस्पेक्टर, एसएसआई और दरोगा को हटा दिया है. पुलिस महकमे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन अफसरों ने एसआईटी से हटाने जाने का आदेश जारी होने के बाद बैक डेट में कुछ पर्चे काटे हैं. माना जा रहा है कि एसपी क्राइम की जांच से बचने के लिए इन अफसरों ने यह खेल किया है.

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शकीना नाम से बनवाए थे फर्जी दस्तावेज

एसआईटी की जांच में यह सामने आया है कि साकेत नगर निवासी संगीता को बिचौलिये सात लाख रुपये का लालच देकर दिल्ली ले गए थे. वहां पर बिचौलियों ने जावेद नाम के मरीज से उसकी किडनी का सौदा किया था. बिचौलियों ने अस्पताल के कोऑर्डिनेटर की मदद से संगीता की जगह शकीना नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे. उन लोगों ने शकीना को जावेद की बहन दर्शाया था. जब अस्पताल में संगीता का मेडिकल चेकअप हुआ तो वह इतना घबरा गई थी कि वहां से भाग कर घर आ गई थी.

फाइनल नोटिस जारी करेगी एसआईटी

एसआईटी की जांच के घेरे में दिल्ली के नामचीन अस्पताल के दो कोआर्डिनेटर मिथुन और संगीता जांच के घेरे में है. एसआईटी से बचने के लिए दोनों अरेस्टिंग स्टे ले रखा है. दोनों को कोर्ट ने जांच में सहयोग करने के लिए बोला है, लेकिन एसआईटी के मुताबिक दोनों सहयोग नहीं कर रहे है. दो बार नोटिस के बाद भी दोनों अभी तक बयान देने नहीं आए हैं. अब एसआईटी उनको तीसरी और अंतिम नोटिस भेजेगी. अगर इस बार भी दोनों बयान देने नहीं आते है तो पुलिस कोर्ट के जरिए गिरफ्तारी वारंट की मांग करेगी.