तत्कालीन कमिश्नर ने नाला पटरी पर कराया था पौधरोपण

अवैध डेयरियों ने फिर जमाया नाला पटरी पर कब्जा

Meerut. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के शहर से डेयरियों को बाहर करने के आदेश के बाद तत्कालीन कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार ने एक नायाब पहल शुरू की थी. पूर्व कमिश्नर ने आबूनाले पर मोहनपुरी से लेकर जागृति विहार तक वृहद पौधरोपण अभियान को आरंभ किया था. इसमें एमडीए-नगर निगम समेत विभिन्न विभागों को शामिल किया गया था और सभी की जिम्मेदारी तय की गई थी कि नाला पटरी पर रोपे गए पौधे नष्ट न होने पाए, किंतु कमिश्नर के तबादले के साथ ही योजना भी नाले में बह गई. ज्यादातर डेयरी संचालकों ने पौधे उखाड़कर नाला पटरी पर दोबारा जानवर बांधने शुरू कर दिए तो वहीं विभागों ने भी रख-रखाव से मुंह मोड़ लिया.

हजारों पौधे रोपे थे

तत्कालीन कमिश्नर के निर्देश पर नाला पटरी पर हजारों पौधे रोपे गए थे. कमिश्नर ने कई बार शहरवासियों के साथ नाले की पटरी पर पौधरोपण कराया. इतना ही नहीं इस अभियान में शहर के स्कूलों को भी शामिल किया गया था. नाले की पटरी पर नगर निगम द्वारा सफाई अभियान चलाया गया था और मेरठ विकास प्राधिकरण ने तार की बेरीकेडिंग करके पौधों को रोपा था. जनप्रतिनिधियो, एनसीसी कैडेट्स, सामाजिक संगठन, मेरा शहर मेरी पहल, आमजन, नगर निगम, आवास- विकास, मेरठ विकास प्राधिकरण ने इस अभियान में भागेदारी निभाई थी.

ये थी योजना..

उस दौरान शहर के कुछ सामाजिक संगठन भी तैयार हुए थे, जिन्होंने जिम्मेदारी ली थी कि वे नाला पटरी पर रोपे गए पौधों की जिम्मेदारी लेंगे. कमिश्नर के निर्देश पर हर सामाजिक संगठन को एक ब्लॉक में लगे पौधों की देख-रेख की जिम्मेदारी दी गई थी.

आबू नाले की पटरी पर रोपे गए पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित थाने की थी. पूर्व कमिश्नर ने पुलिस को दिन और रात के समय पटरी पर गश्त कर पौधों की निगरानी के आदेश दिए थे. पौधों को नुकसान पहुंचाने वालो पर सख्त कार्रवाई का आदेश भी था.

परवान नहीं चढ़ी योजना

तत्कालीन कमिश्नर के तबादले के बाद ही पौधरोपण अभियान पर ब्रेक लग गया और पौधों की निगरानी का दावा कर रहे सामाजिक संगठनों ने उधर झांकना भी बंद कर दिया. इतना ही नहीं नगर निगम ने पौधों के रख-रखाव से हाथ खींच लिए तो एमडीए पौधरोपण करना भूल गया. नष्ट हो रहे पौधों के स्थान पर दूसरे पौधे नहीं लगाए जा सके. वहीं पौधों को उखाड़कर डेयरी संचालकों ने दोबारा जानवरों को नाला पटरी पर बांधना शुरू कर दिया, किंतु पुलिस ने कोई काईवाई नहीं की. आलम यह है कि आज 90 प्रतिशत से ज्यादा पौधों को नष्ट कर एक बार फिर डेयरी संचालक नाला पटरी पर काबिज हो गए हैं.

नाला पटरी पर गत वर्ष बड़े पैमाने पर पौधरोपण कराया गया था. क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में नाला पटरी पर नष्ट हुए पौधों के स्थान पर दूसरे पौधों को रोपें.

राजकुमार, सचिव, एमडीए

समय-समय पर बच्चे और स्टाफ विजिट के लिए जाते हैं और पौधों की देखभाल करते हैं.

चंद्रलेखा जैन, प्रिंसिपल, सेंट जॉन्स सीनियर सेकेंड्री स्कूल