इससे पहले उन्हें अमरीका से अपने देश जाने के लिए ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट पर चढ़ने से रोका जा चुका है.

इस 22 वर्षीय शख्स का नाम केविन चेनाइस और वजन 230 किलो है.

केविन चेनाइस मिनेसोटा में 18 महीनों तक हार्मेंस असंतुलन का इलाज कराने के बाद इसी सप्ताह वर्जिन अटलांटिक एयरलाइंस से लंदन पहुंचे हैं.

लेकिन यूरोस्टार ट्रेन सेवा का कहना है कि वो सुरक्षा कारणों से उन्हें फ्रांस नहीं ले जा सकती है.

चुनौतीपूर्ण जीवन

इसके बाद उन्हें उन्हें नाव से इंग्लिश चैनल पार कराया जा रहा है. चेनाइस पूर्वी फ्रांस के एक गांव फेरने वोल्टायर के रहने वाले हैं और उन्हें अक्टूबर में ही शिकागो से यहां वापस लौटना था.

उनके पिता रेने ने फ्रांसीसी मीडिया को बताया कि उनके बेटे की स्वास्थ्य संबंधी समस्या उस समय शुरू हुई जब वो छह महीने के थे.

तब से वो सामान्य व्यक्ति की तरह नहीं जी सकते हैं. उन्हें जल्दी-जल्दी ऑक्सीजन और नियमित रूप से दवाओं की ज़रूरत पड़ती है.

सुरक्षा नियम

इतना मोटापा कि ना एयरलाइन बिठाने को तैयार है,ना ट्रेन

केविन चेनाइस ब्रिटिश एयरवेज से मई 2012 में अमरीका पहुंचे थे.

लेकिन पिछले महीने एयरलाइन ने कहा है कि वह सुरक्षा नियमों की अनदेखी नहीं कर सकती थी. एयरलाइन का कहना है कि वह उनके परिवार के साथ नियमित संपर्क में है और उन्हें होटल में रुकने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है.

रेने चेनाइस ने फ्रांसीसी मीडिया को बताया कि ऐसे में उन्होंने एक क्रूज़ जहाज क्वीन मैरी के जरिए अटलांटिक पार करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा कारणों से 'हमें एक बार फिर नाकामी मिली'.

लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर मंगलवार को उतरने के बाद केविन चेनाइस ने बताया कि वो पूरे सफर के दौरान रोते रहे.

उन्होंने बताया कि, "हवाई अड्डे तक पहुंचना मेरे लिए काफी मुश्किल था. मुझे काफी देर तक पैदल चलना पड़ा."

यूरोस्टार की सफाई

इसके बाद फ्रांसीसी वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों ने सेंट पेनक्रास स्टेशन से पेरिस जाने वाली ट्रेन में उनके लिए टिकट का प्रबंध किया, लेकिन ट्रेन सेवा कंपनी यूरोस्टार ने कहा कि वो उन्हें नहीं ले जा सकती है.

यूरोस्टार ने स्वीकार किया कि यह फैसला काफी मुश्किल था. इसके बाद यूरोस्टार ने लंदन में उनके रुकने का इंतजाम किया और आवागमन कंपनी पीएंडओ से संपर्क किया.

पीएंडओ ने कहा कि उन्हें चेनाइस की मदद करने की खुशी है. कंपनी ने कहा है कि उसका काम ही ऐसे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाना है जिन्हें चिकित्सकीय मदद की ज़रूरत है.

चेनाइस को बंदरगाह तक पहुंचाने के लिए विशेष एंबुलेंस का इंतजाम यूरोस्टार ने किया.

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