काठमांडू (पीटीआई)। नेपाल सेना ने अधिक वजन (मोटापा) पाए जाने के बाद अपने सात वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। हिमालयन टाइम्स ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में अनुमति से अधिक वजन पाए जाने पर नेपाल सेना ने तीन अधिकारियों की प्रमोशन रोक दी है, वहीं चार अन्य अधिकारियों को संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी है। बता दें कि बीएमआई टेस्ट किसी व्यक्ति के वजन (कम, स्वस्थ या मोटा) से जुड़ी सभी जानकारी देता है। सेना के अधिकारियों को नियमित रूप से फिजिकल फिटनेस टेस्ट देना पड़ता है, इसमें अधिकारियों के कमर सरकमफेरेंस, कमर-हिप रेश्यो और वजन की जांच होती हैं। इसके आधार पर ही एवरेज बीएमआई की गणना की जाती है।

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नए लोगों को मिलता है एक साल का समय

नेपाल सेना के प्रवक्ता बिग्यान देव पांडेय ने अपने बयान में कहा, 'सेना ने सात अधिकारियों में तीन की प्रमोशन रोक दी है और चार को संयुक्त राष्ट्र मिशन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी है क्योंकि उनका बॉडी मास इंडेक्स बहुत अधिक था। शरीर का वजन स्वस्थ बनाए रखने के लिए तीन महीने से तीन साल का समय दिया जाता है। नए लोगों को सिर्फ एक साल तक का समय मिलता है। यदि वे निर्धारित समय के भीतर शरीर के वजन को बनाए रखने में विफल रहते हैं तो उन्हें दंडित किया जाता है। इसके अलावा जिन लोगों को मेडिकल बोर्ड अनफिट घोषित कर देता है, उन्हें सेना से बर्खास्त कर दिया जाता है। सैनिकों के पास आपात स्थितियों को संभालने के लिए पर्याप्त ऊर्जा होनी चाहिए। ज्यादा वजन सैनिकों के लिए अच्छा नहीं है।'

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