'हमने तो बचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। हमें भगवान ने एक नई जिदंगी दी है.' काठमांडू में फंसे आगरा, राजस्थान और दिल्ली के 70 लोग यूपी रोडवेज की मऊ डिपो की दो बसों से बुधवार सुबह करीब 11 बजे मंडी समिति पहुंचे तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया। मौत के मुंह से वापस आकर इन किस्मत वालों ने आखिर अपने-अपने घर पहुंच कर राहत की सास ली।

प्रशासन ने कराया चाय-पानी

नेपाल में तबाही का आखों देखा मंजर देख चुके इन लोगों में कुछ वहां की

फैक्ट्रियों में काम करते है तो कुछ लोग नेपाल घूमने गए थे। बुधवार को जब ये आगरा पहुंचे, तो प्रशासन ने इन्हें मंडी समिति में खाने-पीने की व्यवस्था कराई। वापस आए लोगों में 72 लोग आगरा के धनौली और टपरा गांव के, 11 धौलपुर, चार दिल्ली और एक नेपाल का था।

तीन मिनट में सब हुआ खत्म

इन लोगों ने बताया कि केवल तीन मिनटों में काठमांडू में सब कुछ खत्म हो गया। उनके सामने कई सैकड़ों लोग मलबे में दब गए। वहीं, कई उनके सामने ढेर हो गए।

छुट्टी की वजह से बची जान

नेपाल में तमाम फैक्ट्रियों में शनिवार को छुट्टी रही है। शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में कई लोगों की जानें इसलिए बच गई क्योंकि उस दिन वो छुट्टी पर थे और बाहर घूम रहे थे। जैसे ही भूकंप आया वो लोग सेफ स्थानों पर पहुंच गए।

दो दिन रहे खुले आसमान में

वापस लौटे लोगों में से अमर सिंह ने

बताया कि वें दो दिन तक खुले आसमान में रहे। उन्हें नेपाल में कोई मदद नहींमिली। वहां न कुछ खाने को था न ही पीने को। सब कुछ बहुत महंगा मिल रहा था और उनके पास कुछ खरीदने के पैसे भी नहींथे। वहां के मालिक ने भी कोई मदद नहींकी। लोगों का कहना था कि 26 अप्रैल को जैसे-तैसे वह काठमांडू एयरपोर्ट पहुंचे। वहां पर हजारों भारतीय की भीड़ थी। सेना द्वारा हवाई जहाज से ले जाने के लिए वह एयरपोर्ट पर ही बैठे रहे। दो दिन इंतजार के बाद भी उनका नंबर नहीं आया तो वो अपने आप ही बॉर्डर तक पहुंचे।

अब भी है भूकंप का खौफ

वापस लौटे लोगों से बताया कि अभी भी उन्हें भूकंप का खौफ है। हर पल उन्हें भूकंप आने का डर सा लगा रहता है। उन्होंने बताया कि नेपाल में एक दो नहींबल्कि 50 से ज्यादा भूकंप के झटके महसूस किए। उसके बाद तो हर पल जरा ही आवाज होने पर भूकंप का खौफ दिमाग में आ जाता है।

प्रशासन ने की मदद

भूकंप पीडि़तों पर घर जाने के लिए पैसे तक नहीं थे। ऐसे में आगरा से बाहर के पीडि़तों को प्रशासन ने किराया महुैया कराया।

आगे आए सामाजिक संगठन

भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए सामाजिक संगठनों के साथ प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। इसके लिए बुधवार को एडीएम फाइनेंस राजकुमार और एडीएम सिटी राजेश श्रीवास्तव की संयुक्त अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में मीटिंग बुलाई गई, जिसमें दोनों प्रशासनिक अधिकारियों ने मीटिंग में मौजूद सभी सामाजिक संगठनों के अध्यक्षों से पीडि़तों की सहायता के लिए खाद्य सामग्री एवं वस्त्र इकट्ठा करने को लेकर विचार-विमर्श किया गया है। इसमें दूध के डि?बे, चाय, बिस्किट, कम्बल, पहनने के कपड़े आदि की व्यवस्था करने को लेकर सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहमति जताई। इस बारे में एडीएम सिटी और एडीएम फाइनेंस ने संयुक्त रुप से बताया कि राहत सामग्री से भरा एक ट्रक गुरुवार शाम को कलेक्ट्रेट से रवाना किया जाएगा। इस राहत सामग्री के ट्रक को डीएम पंकज कुमार रवाना करेंगे।

सिटी में आर्मी को तैयार रहने के निर्देश

आगरा में आर्मी स्टेशन पर पैरा बिग्रेड को नेपाल में भूकंप पीडि़तों की सहायतार्थ तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस बारे में आर्मी अफसर ने बताया कि हम पूरी तरह से तैयार है। राहत सामग्री भी तैयार है। निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। आपको बता दें कि आगरा से 130 सदस्यीय रेस्क्यू टीम सोमवार को आगरा से नेपाल के लिए रवाना हो चुकी है।