इंडिया की मदद को नेपाल ने दुत्कारा

- भूकंप के बाद लगातार इंडिया से भेजी जा रही राहत सामग्री

- अब नेपाल ने मदद लेने से किया इनकार, भेजी मदद तो चुकानी होगी कस्टम ड्यूटी

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kumar.abhishek@inext.co.in

GORAKHPUR : भूकंप के बाद तबाह हुए नेपाल ने सबसे ज्यादा मदद करने वाले भारत को ही आंखें दिखनी शुरू कर दी हैं। नेपाल सरकार ने राहत सामग्री लेने से मना कर दिया है। इंडिया-नेपाल बॉर्डर से मिली जानकारी के मुताबिक, नेपाल सरकार ने थर्सडे को एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के तहत फ्राइडे से आने वाले हर सामान पर कस्टम ड्यूटी ली जाएगी। फिर चाहे वह वाहन राहत सामग्री से भरा हो या मदद को आ रहे किसी सामान से। मतलब साफ है कि अब नेपाल इंडिया से किसी भी प्रकार की मदद लेना नहीं चाहता। जबकि फ्राइडे को इंडिया से बॉर्डर से करीब 6 ट्रक राहत सामग्री नेपाल गई है।

भूकंप से आई त्रासदी में उठे थे मदद को कदम

25 और 26 अप्रैल के बाद लगातार आए भूकंप के झटकों ने नेपाल को लगभग तबाह कर दिया। बड़ी-बड़ी बिल्डिंग ढह गई, कितने गांव जमींदोज हो गए तो न जाने कितने लोग मौत की नींद सो गए। इस त्रासदी में पड़ोसी मुल्क होने के नाते इंडिया ने मदद को सबसे पहले हाथ बढ़ाया। आर्थिक मदद के साथ खाने-पीने, रहने-खाने समेत अन्य जरूरी सामान से भरी ट्रकों भर राहत सामग्री भेजी। बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपए बजट के इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट्स भेजे। लगातार मिलती मदद के कारण नेपाल इस त्रासदी से तेजी से उबरा और महज एक माह के भीतर ही वहां की स्थिति नॉर्मल होने लगी।

यूं समझें कस्टम की गणित

राहत सामग्री पर कस्टम ड्यूटी लगने से मदद करने वाले पर एक्स्ट्रा खर्च पड़ना तय है। नेपाल में हर सामान पर अलग-अलग कस्टम ड्यूटी लगती है। जैसे अगर इंडिया से चावल से भरा ट्रक जा रहा है तो नेपाल सरकार उसका एक मूल्य निर्धारित करेगी। फिर उस मूल्य का 8 परसेंट कस्टम ड्यूटी लिया जाएगा। साथ ही 12 परसेंट भाड़ा भी देना होगा। इसी तरह सब्जी से भरे ट्रक की भी कीमत नेपाल सरकार लगाएगी। फिर उस कीमत का 8 परसेंट कस्टम ड्यूटी लगेगा। अगर सूती कपड़े से भरा ट्रक जा रहा है तो 5 परसेंट कस्टम ड्यूटी देनी पड़ेगी। इसी तरह हर सामान पर अलग-अलग कस्टम ड्यूटी निर्धारित है।

अब क्या होगा राहत सामग्री का

नेपाल ने अब मदद लेने से मना कर दिया है। इसके चलते नेपाल ने हर सामग्री पर कस्टम ड्यूटी लेने का फरमान जारी कर दिया है। मतलब अब राहत सामग्री पर भी कस्टम ड्यूटी ली जाएगी। ऐसे में अब बड़ा सवाल ये है कि जो राहत सामग्री नेपाल जा रही है, उनका क्या होगा। क्योंकि अधिकांश प्रदेशों से नेपाल के लिए आ रही ट्रक भर कर राहत सामग्री को एक्स्ट्रा शुल्क नहीं दिया गया है। ऐसे में वे बिना कस्टम ड्यूटी दिए नेपाल में कैसे दाखिल होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी कई प्रदेशों से भेजी जा रही राहत सामग्री नेपाल के लिए रवाना हो चुकी है। जो अभी रास्ते में है। इन राहत सामग्री का क्या होगा? हम बताते चले कि इसी तरह आगरा से राहत सामग्री नेपाल भेजी गई थी। जिसे सिर्फ गोरखपुर तक का किराया दिया गया था। ऐसे में मंडी में राहत सामग्री का आलू बेच कर उसे आगे रवाना करना पड़ा था।

इतना सामान भेजा जा चुका है नेपाल

भूकंप त्रासदी के बाद लगातार इंडिया से लगातार राहत सामग्री नेपाल भेजी जा रही है। अब तक करीब 1500 से अधिक ट्रक राहत सामग्री नेपाल जा चुकी है। प्रमुख रूप से राहत सामग्री यूपी गवर्नमेंट, राजस्थान गवर्नमेंट, हरियाणा गवर्नमेंट, पंजाब गवर्नमेंट, गोरखपुर एडमिनिस्ट्रेशन के अलावा महराजगंज, फैजाबाद, मुरादाबाद, आगरा, कानपुर नगर, बंदायू, सहारनपुर समेत कई प्राइवेट और समाजसेवा संस्थाओं की ओर से भेजी गई।

नेपाल में आए भूकंप के बाद लगातार देश से मदद भेजी जा रही थी। मदद का दौर अभी भी जारी है। फ्राइडे को भी करीब 6 ट्रक राहत सामग्री नेपाल के लिए रवाना की गई, मगर नेपाल सरकार ने फ्राइडे से राहत सामग्री पर भी कस्टम ड्यूटी लगा दी है। अब नेपाल ने राहत सामग्री लेने से मना कर दिया है।

मनोज श्रीवास्तव, सुप्रिटेंडेंट कस्टम, सोनौली बॉर्डर