-केवल फोर्थ ईयर के एग्जाम के आधार कैसे डिसाइड होगी किसी की मेरिट

-मेडिकल स्टूडेंट्स बोले, प्राइवेट कॉलेज को इस नियम से मिलेगा अधिक लाभ

PRAYAGRAJ: एमसीआई की जगह एनएमसी लाए जाने को लेकर मेडिकल स्टूडेंट्स पहले ही नाराजगी जाहिर कर चुके थे। अब एग्जिट एग्जाम के कैबिनेट के फैसले को लेकर फिर से उन्होंने विरोध जताया है। उनका कहना है कि इस नियम से स्टूडेंट्स की प्रतिभा को जज करना आसान नहीं होगा। इससे भाई-भतीजावाद को प्रश्रय मिलेगा और प्राइवेट कॉलेजेस की बल्ले-बल्ले हो जाएगी।

मेरिट के आधार पर एडमिशन गलत

मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि अभी तक पीजी में दाखिला नीट पीजी के आधार पर दिया जाता था। लेकिन अब नए बिल में एग्जिट (नेक्स्ट)) परीक्षा को इसका आधार बना दिया गया है। इसमें एमबीबीएस फोर्थ ईयर में नेशनल लेवल पर कॉमन एग्जाम एग्जिट का आयोजन किया जाएगा, जो पीजी नीट का काम करेगा। इसके आधार पर मेरिट बनाकर पीजी में प्रवेश दिया जाएगा। इससे नेपोटिज्म को बढ़ावा मिलेगा। प्राइवेट कॉलेजेस प्रेक्टिकल आदि में अपने स्टूडेंट्स को अधिक नंबर देकर आगे बढ़ाएंगे।

नॉन मेडिकोज क्या जानेंगे हमारा दर्द

स्टूडेंट्स का कहना है कि यह फैसला तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया में मेडिकोज यानी डाक्टर्स सर्वेसर्वा थे। एनएमसी (नेशनल मेडिकल काउंसिल)) में नॉन मेडिकोज यानी आईएएस अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। यह मेडिकल स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम्स को नहीं जानते हैं। ऐसे फैसले आते रहे तो भविष्य में मेडिकल कोर्सेज का पूरी तरह से प्राइवेटाइजेशन हो जाएगा।

वर्जन

मेडिकल पढ़ाई का पूरी तरह से प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है। एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षा को नीट के साथ सम्मिलित करना बिल्कुल गलत है। इससे प्राइवेट कॉलेज के छात्रों को अधिक फायदा मिलेगा। क्योंकि कॉलेजों के माध्यम से वह पैसे के दम पर सुविधा पा जाएंगे। फिर वही बात सामने आएगी कि राजा का बेटा ही राजा बनेगा।

-सूर्यभान कुशवाहा, एमबीबीएस स्टूडेंट

एक क्वॉलीफाइंग एग्जाम को कॉम्पटीटिव एग्जाम के साथ मर्ज करना बिल्कुल गलत है। कॉम्पटीटिव एग्जाम काफी कठिन होता है। यह बहुत स्टूडेंट को बाहर कर देगा।

-शिव कुमार यादव, एमबीबीएस स्टूडेंट

अंतिम वर्ष परीक्षा में चार विषय आते हैं और नीट की परीक्षा में 14 विषय आते हैं। जो कि पूरे एमबीबीएस के पाठ्यक्रम को कवर करते हैं। ऐसे तो स्टूडेंट केवल उन्हीं अंतिम वर्ष के चारों विषय पर ही ज्यादा ध्यान देंगे। हर एक विषय का अपना महत्व होता है। अंतिम साल की परीक्षा को पीजी एंट्रेंस का आधार बनाया गया तो भाई भतीजावाद प्रथा का जन्म होगा।

-रवींद्र यादव, एमबीबीएस स्टूडेंट

अगर फाइनल ईयर के एग्जाम के आधार पर पीजी में प्रवेश मिलता है तो फिर पक्षपात और घूसखोरी चरम सीमा पर पहुंच जाएगी। लोग अच्छे मा‌र्क्स पाने के लिए पूरे प्रयास करेंगे। उनको रोकना हर किसी के बस की बात नहीं होगी।

-अंकित मौर्या, एमबीबीएस स्टूडेंट