नेताजी को राजनीति सिखा रहे एप गुरू

-विधान सभा चुनाव से पहले शुरू हुई मोबाइल एप की बरसात

-एप के जरिये मतदाताओं को दिखाया जा रहा बूथ का रास्ता

आई स्पेशल

सुंदर सिंह

Meerut: पहले जहां राजनेता जमीनी संघर्ष से सियासत के गुर सीखते थे। आंदोलनों से मंझे हुए नेता बनते थे। लेकिन अब डिजटिलाइजेशन के युग में मोबाइल एप नेताओं को चुनावी दांवपेंच सिखाएगा। हालत यह है कि नए नेता तो पूरी तरह एप के जरिये ही राजनीति में चमकाने में जुटे हैं। कंपनियों ने भी उन्हे निराश नहीं किया है। इसके लिए कई एप लांच किए गए हैं। जिनमें वोटर को लुभाने के लिए अलग-अलग आइडिया हैं। जिसमें रैली, रोड शो, भाषण से अन्य कई तरीके विस्तार से बताए गए हैं।

सियासी हुनर का भविष्य एप

वोटर्स भविष्य नाम से मोबाइल एप तैयार किया गया है। इस एप में गेम दिया गया है। उस गेम को खेलकर वोटर आगे बढ जाते हैं तो उसका भविष्य उज्ज्वल बताया जा रहा है। जिस स्टेज पर गेम में वोटर्स अटक गए वह प्रतिशत के मुताबिक वोटर का भविष्य बता देगा।

इलेक्शन समस बताएगा बाधाएं

इलेक्शन समस नाम का एप चुनाव के दौरान प्रत्याशी के सामने आने वाली बाधाओं को दूर करने का रास्ता बताएगा। दिनभर नेताओं को वोट मांगने के दौरान कौनसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह भी बताया गया है। चुनावी घोषणाओं के बाद पब्लिक की ओर से आने वाले आक्रोश को शांत करने का तरीका भी बताया गया है।

सियासी जतन सिखाएगा एप

नेता जीत के लिए क्या-क्या जतन करते हैं। इसका सारा खाका इलेक्शन दी गेम मिल जाएगा। साथ ही गेम के जरिये नेता जीत के गुर सीख रहे हैं। इस एप को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है।

मतदाताओं को मिलेगी जानकारी

इलेक्शन रस नाम से जो एप तैयार किया गया है। वह मतदाताओं के लिए फायदेमंद है। नेताओं से कैसे बचा जाए, एक से अधिक नेताओं को मतदाता वोट मांगते समय कैसे संतुष्ट करेंगे यह भी दिया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात दर्शाई गई है कि मतदाता की मुस्कान से अनुभवी प्रत्याशी भांप लेते हैं कि वो किस पार्टी के नेता को वोट देंगे।

आयोग ने भी लिया सहारा

चुनाव आयोग ने भी इलेक्शन गेम, आइवोट एप का सहारा लिया है। इसमें वोटरों को बूथ तक पहुंचने के लिए कौनसी बाधाएं पार करनी पड़ सकती है। उसका हल बताया गया है।

वर्जन

स्मार्ट फोन पर कई ऐसे एप उपलब्ध हैं। जिनका फायदा चुनाव के मद्देनजर उठाया जा रहा है। सभी पार्टियों के पढ़े-लिखे नेता एप का लाभ ले रहे हैं।

करूणेश नंदन गर्ग, महानगर अध्यक्ष बीजेपी

वास्तव में तकनीकि युग में मोबाइल एप नेताओं का काम बहुत आसान बना रहे हैं। नए राजनीति में आए लोग तो इसका जमकर लाभ उठा रहे हैं।

सोमेन्द्र तोमर, राष्ट्रीय मंत्री भारतीय जनता युवा मोर्चा

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