इन उत्पादों में कुछ तकनीकी बदलाव करके इन्हें अत्याधुनिक बनाया गया है. हॉल में मौजूद डेवलपर्स इन उत्पादों में किए गए बदलाव का स्वागत ज़ोरदार तालियाँ बजाकर करते हैं.

यह माहौल है, गूगल के सालाना सम्मेलन गूगल आई/ओ का, जिसका आयोजन उपभोक्ताओं की बजाय तकनीकी विकास से जुड़े लोगों ध्यान में रखकर किया गया था.

गूगल को पता है कि पूरी दुनिया इस सम्मेलन को देख रही है, इसलिए उसने सम्मेलन की शुरुआत कुछ स्टंट और कुछ उत्पादों की घोषणा से की.

सम्मेलन के दौरान जैसे ही गूगल ने लाइव क्लाउड डिबगिंग का डेमो दिया और एंड्रॉयड के नए संस्करण में "मैटेरियल डिजाइन" की अवधारण को प्रस्तुत किया तो हमें गूगल की महत्वाकांक्षा की एक पुरजोर झलक मिली.

यह एक ऐसी कंपनी है जो हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सेवाओं का महत्व बढ़ते हुए देखना चाहती है. मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के क्षेत्र में कंपनी का लगातार बढ़ता प्रभाव कंपनी का सबसे प्रमुख हथियार है.

एंड्रॉयड का कमाल

एंड्रॉयड सिस्टम पहले ही अरबों मोबाइल सेट में अपनी जगह बना चुका है, और अब वो हर जगह दखल देने वाला है, आपकी कलाई पर, आपकी टीवी में और आपकी कार में.

हमने देखा है कि एंड्रॉयड वियर के रूप में स्मार्टवॉच की नई शृंखला को देखा है, जो ये घड़ी ख़ुद जान जाएगी कि आप कहां पर हैं और आप तक हर उपयोगी जानकारी पहुंचाएगी.

दुनिया बदल देगा गूगल का एंड्रॉयड

आपको याद दिलाया जाएगा कि आपकी फ्लाइट जल्द ही छूटने वाली है, अपना बोर्डिंग पास ले लीजिए और मौसम की जानकारी तो दी ही जाएगी.

एंड्रॉयड टीवी उपभोक्ताओं के लिए नया अनुभव लेकर आएगा. इसके तहत आपका फ़ोन ही रिमोट कंट्रोल की तरह काम करेगा और आप उससे बातें करते हुए कंटेंट की तलाश कर सकते हैं.

ऐपल से टक्कर

हमें एंड्रॉयड आटो भी दिखाया गया, जो स्मार्ट फ़ोन के जरिए ड्राइवर को जरूरी सूचनाएं देगा. ये एप्लीकेशन आपकी आवाज़ को पहचान कर काम करेगा.

आप बस उससे किसी रूट की तलाश करने के लिए कहिए और गूगल मैप रास्ता खोज निकालेगा. यानी आने वाले दिनों में एंड्रॉयड आपकी आवाज़ सुनकर काम करेगा.

इस सभी क्षेत्रों में गूगल का मुकाबला ऐपल से होना है. ऐपल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) टिम कुक ने इस साल उत्पादों की नई शृंखला का वादा किया है और अब तक मिले संकेतों से लगता है कि कंपनी आई-वाच लाने वाली है.

ऐपल पहले ही एंड्रॉयड ऑटो से मिलती-जुलती सेवा की घोषणा कर चुका है.

और इस कारोबारी प्रतिस्पर्धा में सबसे ख़ास महत्वपूर्ण वो सेना होगी जो एंड्रॉयड और आईओएस जैसे शक्तिशाली प्लेटफार्म का विकास करेगी.

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