- डीडीयूजीयू के आधा दर्जन से ज्यादा महिला असिस्टेंट प्रोफेसर आवास के लिए लगा रहीं चक्कर

- अगले दिन आने का बात कह लौटा देते हैं वीसी ऑफिस में तैनात कर्मचारी

GORAKHPUR: डीडीयूजीयू में तैनात हुईं न्यू असिस्टेंट प्रोफेसर्स आवास के लिए दर-दर भटक रही हैं। पिछले एक साल से किराए पर रह रहीं इन महिला शिक्षिकाओं की तरफ से बार-बार आवास एलॉटमेंट के लिए लेटर लिखने के बाद भी जिम्मेदारों की ओर से कोई पहल नहीं की गई। जबकि टीचर्स के आवास एलॉटमेंट करने वाली कमेटी ने ऐसे भी टीचर्स को आवास एलॉट किया है जिनका ऑल रेडी मकान है। ऐसे में कहीं न कहीं आवास एलॉटमेंट में नियमों के अनेदखी की बात भी सामने आ रही है।

एक साल से लगा रहीं चक्कर

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में टीचर्स व स्टूडेंट्स पर्याप्त हो गए हैं। पठन-पठन का पूरा माहौल बन चुका है। लेकिन दूसरे शहर से गोरखपुर यूनिवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर तैनात कई महिला टीचर्स को पिछले एक साल से टीचर्स कॉलोनी में आवास नहीं एलॉट हुआ है। नाम न पब्लिश करने की शर्त पर फाइन आर्ट एंड म्यूजिक डिपार्टमेंट व इंग्लिश डिपार्टमेंट की शिक्षिकाओं ने बताया कि अब तक आवास एलॉटमेंट की प्रक्रिया नहीं पूरी की गई है। इस वजह से इन डिपार्टमेंट्स की महिला शिक्षिकाएं पिछले कई दिनों से वीसी ऑफिस के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। वीसी दफ्तर जाने पर वहां मौजूद कर्मचारी काफी देर तक बैठाने के बाद वीसी से अगले दिन मिलने की बात कहकर वापस लौटा देते हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो करीब आठ ऐसे प्रोफेसर्स को सरकारी आवास एलॉट किया गया है जिनका अपना मकान है।

क्लास छोड़ जाना पड़ता वीसी ऑफिस

इन महिला शिक्षिकाओं की मानें तो उन्हें बाहर रेंट पर रहने में काफी दिक्कत हो रही है। एक तरफ जहां आने-जाने में वह खुद को अनसेफ फील कर रही हैं। वहीं उनके पास खुद का फोर व्हीलर होने के बाद भी रेंट वाले घर में गाड़ी पार्क करने में दिक्कत आती है। इसके अलावा टीचर्स कॉलोनी में एक टीचर्स का ग्रुप होता है जहां शांति होती है। लेकिन आवास नहीं होने से दिक्कत बढ़ गई है। क्लास छोड़कर बार-बार वीसी ऑफिस जाना पड़ता है।

कहां कितने यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स के आवास

कॉलोनी संख्या

हेल्थ सेंटर 02

हीरापुरी 129

मुंसी 15

प्रोफेसर 08

प्रोफेसर स्वीपर 12

कैंपस 20

याक्ची कंपाउंड 71

याक्ची टीचर 15

कुल आवास 272

वर्जन

आवास आवंटन के लिए जो प्रक्रिया है उसी के तहत अलॉटमेंट किया गया है। उसकी कमेटी होती है जो निर्णय लेती है। जिसका आवंटन नहीं हुआ है खाली होने पर आवंटन किया जाएगा।

प्रो। वीके सिंह, वीसी, डीडीयूजीयू