-पूर्व प्रभारी की पत्‍‌नी ने शिकायतकर्ता लॉ स्टूडेंट पर लगाया जबरन फंसाने का आरोप

-कहा: सरकारी सीयूजी नंबर पर लोड व्हॉट्सएॅप पर की थी चैट, नहीं किया कोई नियम विरुद्ध काम

LUCKNOW: 'मेरे पति साजिश के शिकार हुए हैंउनके खिलाफ शिकायत करने वाली लॉ स्टूडेंट ने व्हॉट्सएॅप मैसेजेस को तोड़मरोड़कर पेश किया और उन्हें जबरन फंसाया है' यह कहते ही अनीता सिंह बिलख पड़ीं। वे अपने पति वीमेन पावर लाइन 1090 के पूर्व प्रभारी कुंवर राघवेंद्र प्रताप सिंह पर लगे आरोपों पर सफाई देने के लिये आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडियाकर्मियों से मुखातिब थीं।

चीफ प्रॉक्टर के कहने पर की मदद

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए अनीता सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता लॉ स्टूडेंट सौम्या (बदला नाम) से उनके पति की मुलाकात बीती 26 सितंबर को एलयू की चीफ प्रॉक्टर निशि पांडेय ने करवाई थी। अगले दिन सौम्या कुंवर राघवेंद्र के ऑफिस पहुंची और दो घंटे तक उन्हें खुद के संग हुई घटना के बारे में विस्तार से बताया। अगले दिन उसने उन्हें वॉइस रिकॉर्डिग, व्हॉट्सएॅप चैट के स्क्रीन शॉट और चीफ प्रॉक्टर निशि पांडेय का कवरिंग लेटर दिया। जिसके बाद कुंवर राघवेंद्र ने उसे मदद का भरोसा दिया।

सीयूजी नंबर का था व्हॉट्सएॅप

अनीता ने बताया कि सौम्या खुद के संग मारपीट व बदसलूकी के आरोपी अभिषेक कुमार सिंह व उसके मित्र अजरा वारसी के खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग कर रही थी। हालांकि, उन दोनों के खिलाफ महानगर कोतवाली में पहले से एनसीआर दर्ज थी। बीती 16 अक्टूबर को सौम्या ने कुंवर राघवेंद्र को उनके सरकारी सीयूजी नंबर के व्हॉट्सएॅप पर मैसेज कर रिपोर्ट के बावजूद कार्रवाई न होने की वजह पूछी। राघवेंद्र ने उसे बताया कि एनसीआर में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। लेकिन, सौम्या एनसीआर और एफआईआर में अंतर समझ नहीं रही थी। इसी अंतर को समझाने के लिये उन्होंने अगले दिन उसे मिलने के बुलाया। अनीता ने बताया कि इससे पहले राघवेंद्र ने उसकी डीपी की तारीफ इसलिए की थी क्योंकि सौम्या चैट के दौरान बेहद तनाव में लग रही थी और वे उसका ध्यान बंटाना चाहते थे। अनीता ने कुंवर राघवेंद्र व सौम्या के बीच व्हॉट्सएॅप पर चैटिंग के स्क्रीन शॉट भी दिखाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सौम्या ने बीच के कई मैसेज डिलीट कर दिये और पूरे मामले को संदर्भ से काटकर पेश किया। उन्होंने पूरे मामले की गहराई से जांच की मांग की।