सीएसए यूनिवर्सिटी में घोषित 11 में से तीन नए कोर्सेज के लिए शिक्षक ही नहीं

-तीन कोर्सेज शुरु नहीं हो पाने से संस्थान को लगेगी 12 लाख की चपत

KANPUR : चन्द्र शेखर आजाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को दो दिन पहले ही क्क् कोर्सेज शुरू करने का सिग्नल राजभवन से मिला था। इन कोर्सेज में फ् पीजी कोर्स की क्लासेज नये एकेडमिक सेशन से नहीं शुरू हो पाएंगी। इसका मुख्य कारण संस्थान में सब्जेक्ट की फैकल्टी का न होना है। नए सेशन में मास्टर ऑफ डेयरी टेक्नोलॉजी, मास्टर ऑफ डेयरी इंजीनियरिंग और मास्टर ऑफ फिशरी साइंस कोर्स के शुरु नहीं हो पाने की आशंका पैदा हो गई है। इन कोर्सेज ने शुरू न पाने से यूनिवर्सिटी को एक साल में फ्म् लाख रुपए का लास भी होगा। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन किसी तरह फैकल्टी की व्यवस्था करने में जुटी है। वैसे सभी कोर्सेज की काउंसिलिंग जुलाई के फ‌र्स्ट वीक से शुरू होने की उम्मीद है।

नियम बना एडहॉक फैकल्टी के रास्ते में रोड़ा

सीएसए यूनिवर्सिटी में फैकल्टी का संकट स्टूडेंट्स के लिए हमेशा से मुसीबत बनता है। इस सत्र में क्क् न्यू कोर्सेज की क्लासेज शुरू करने प्लान यूनिवर्सिटी प्रशासन बना रहा है। लेकिन टीचर्स की कमी प्लान को धराशायी कर देगी। अगर यूजी कोर्सेज होते तो एक बार किसी तरह से एडहॉक फैकल्टी की मदद से शुरू किए जा सकते थे। लेकिन नियमानुसार एमटेक डेयरी इंजीनियरिंग और एमटेक डेयरी टेक्नोलॉजी, मास्टर ऑफ फिशरी साइंस में विदाउट एक्सपर्ट फैकल्टी के शुरू नहीं किए जा सकते।

रिक्रूटमेंट के लिए प्रपोजल भेजा

सीएसए रजिस्ट्रार पीएन यादव ने बताया कि नये कोर्सेज के लिए काफी टाइम से प्रयास किया जा रहा था। दो दिन पहले ही गवर्नर हाउस से इन कोर्सेज को हरी झंडी मिली है। फैकल्टी की समस्या तो पहले से ही थी। टीचर्स रिक्रूटमेंट के लिए गवर्नमेंट के पास प्रपोजल भेजा गया। जल्द ही इस पर डिसीजन हो जाएगा। अहम बात यह है कि अगर पीजी के फ् कोर्सेज में एडमिशन न हुए तो विश्वविद्यालय को एनुअली फ्म् लाख का लास होगा। इन तीन कोर्स में कुल 90 स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलना है।

-वर्जन-

नए सेशन में फ् पीजी कोर्सेज को शुरू करने के लिए सबसे बड़ी समस्या फैकल्टी है। गवर्नमेंट से अगर सहमति मिल गई तो फिर जल्द ही टीचर्स का रिक्रूटमेंट कर लिया जाएगा। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस सेशन में मास्टर ऑफ डेयरी टेक्नोलॉजी, इंजीनियंिरग के साथ साथ मास्टर ऑफ फिशरी साइंस में एडमिशन न लिए पाएं।

-प्रो। मुन्ना सिंह, वाइस चांसलर