-20 हजार से ज्यादा आबाद शहर में अंडर ग्राउंड वाटर लेवल पर है निर्भर

इतना लगेगा फाइन

-5 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान पानी बर्बाद करने पर है

-1 साल तक की सजा पानी बर्बाद करने पर हो सकती है

-10 लाख रुपए का जुर्माना दोबारा पानी बर्बाद करते पकड़ जाने पर

20 लाख रुपए जुर्माना ग्राउंड वॉटर लेवल दूषित करने पर

-सबमर्सिबल में लगाया जाएगा मीटर, जिससे यूज होने वाले पानी का देखा जाएगा ब्यौरा

-पानी बर्बाद करने वालों पर की जाएगी कार्रवाई, छापेमारी के लिए डीएम बनाएंगे टीम

बरेली: अगर आपके घर में भी सबमर्सिबल लगा है तो यह न्यूज आपके लिए ही है। प्रदेश सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक अब सबमर्सिबल लगवाने वाले लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना कंपलशरी होगा। जिसके बाद उनमें एक मीटर लगाया जाएगा, जिसमें आपके द्वारा मोटर से निकाले गए पानी का पूरा ब्यौरा होगा। वहीं डीएम की ओर से एक टीम का गठन भी होगा जो छापेमारी कर बिना रजिस्ट्रेशन के सबमर्सिबल चलाने वालों पर कार्रवाई करेगी। साथ ही उनके घर का सबमर्सिबल भी बंद कर दिया जाएगा।

बर्बादी रोकने को उठाया कदम

शहर में करीब 20 हजार से ज्यादा आवादी ग्राउंट वॉटर लेवल पर निर्भर है। जो सबमर्सिबल से पानी निकाल पानी भी बर्बाद कर रहे हैं। इसमें कुछ तो कामर्शियल यूज में भी सबमर्सिबल चला रहे हैं। यही लोग सबसे ज्यादा पानी की बर्बादी कर रहे हैं। नए नियम से पानी की बर्बादी पर काफी हद तक रोक लगेगी।

डेली बहा रहे पानी

शहर में करीब एक लाख लीटर से अधिक पानी प्रतिदिन शहर में बर्बाद किया जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। इसका बड़ा रीजन है कि प्रशासन के पास शहर में चलाने वाले सबमर्सिबल के आंकड़े ही नहीं थे।

तो अब भरना होगा जुर्माना

भूजल का अवैध दोहन करने पर एक साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना भी लगाने का प्रावधान है। दोबारा भूजल का अवैध दोहन करने पर 1 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसी तरह भूजल दूषित करने पर 3 वर्ष की जेल और 10 लाख का जुर्माना का भी प्रावधान है। दोबारा भूजल दूषित करने पर सात साल की सजा और 20 लाख का जुर्माना होगा।

कृषि उपभोक्ताओं को रखा फ्री

कोई निजी वाटर सप्लायर अगर मानक विहीन करता है तो उस पर पांच लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। हालंाकि घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को इस सजा से फ्री किया गया है। भूगर्भ जल उपभोग करने वालों को से हैंडपंप, रस्सी, वाल्टी रहट और कुएं से पानी निकालने वालों को बाहर रखा गया है।

कमेटी रखेगी निगरानी

भजल का दोहन रोकने के लिए डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। जो निगरानी करने के साथ छापेमारी की कार्रवाई करेगी। इसके साथ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का भी कराएगी। इसी तरह ग्रामीण स्तर पर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को इसका जिम्मा दिया जाएगा। इसके लिए जिन घरों में पहले से ही सबमर्सिबल लगे हुए है उनके रजिस्ट्रेशन के लिए समय दिया गया है।