- पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद पर बड़हलगंज में मुकदमा

- जांच में चार अन्य के नाम आए सामने, कसेगा शिकंजा

GORAKHPUR: फर्जी लाइसेंस पर असलहे खरीदने के मामले में कई अन्य लोगों पर शिकंजा कसेगा। एसआईटी की जांच में सामने आया कि रेलवे स्टेशन रोड के रेस्टोरेंट संचालक सहित चार लोगों ने फर्जी लाइसेंस पर पिस्टल खरीदा था। कार्रवाई से बचने के लिए नए आरोपियों कोर्ट का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है। एक आरोपित ने हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर भी ले लिया है। इस मामले में पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद के खिलाफ बड़हलगंज थाना में जालसाजी सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।

दूसरे के नाम पर ले ली थी राइफल

फर्जी लाइसेंस प्रकरण की जांच एसआईटी कर रही है। इस मामले में एसआईटी ने 25 लोगों पर कार्रवाई की है। इसमें खोराबार से जेल भेजे गए 10 लोगों को जांच में राहत मिल जाएगी। जांच के दौरान पता लगा है कि 35 से अधिक लोगों ने फर्जी लाइसेंस पर असलहे खरीदे थे। इस मामले में पूर्व मंत्री रामभुआल का नाम भी सामने आया। पुलिस का कहना है कि पूर्व मंत्री ने बड़हलगंज के मुंडेरा निवासी बेचू यादव के नाम से जारी लाइसेंस के नंबर पर अपना लाइसेंस बनवाकर राइफल खरीद लिया। जांच में सामने आया कि असली लाइसेंस बेचू की मौत हो चुकी है। उनका असलहा भी दुकान पर जमा है। डीएम के आदेश पर असलहा बाबू सुनील कुमार ने तहरीर देकर जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया।

चार नए नाम आए सामने, पुलिस कसेगी शिकंजा

फर्जी लाइसेंस प्रकरण में चार नए नाम सामने आए हैं। इनमें रेलवे स्टेशन रोड का एक रेस्टोरेंट संचालक भी शामिल है। एसआईटी की जांच में पता लगा है कि कोतवाली एरिया के ट्रांसपोर्टर, बांसगांव और शाहपुर के प्रॉपर्टी डीलर और रेस्टोरेंट संचालक ने फर्जी लाइसेंस पर असलहे खरीदे हैं। जानकारी सामने आने पर पुलिस सभी के खिलाफ सबूत जुटा रही है। माना जा रहा है कि इनके खिलाफ फर्जी लाइसेंस पर लाइसेंस रखने का मामला दर्ज किया जाएगा। आ‌र्म्स एक्ट में इनको जेल जाना पड़ सकता है। जेल जाने से बचने के लिए एक प्रॉपर्टी डीलर ने कोर्ट की शरण ले ली है।