RANCHI: रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट(रेरा) में जो प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड होगा अब उसी के फ्लैट या मकान की रजिस्ट्री होगी। यह प्रस्ताव नगर विकास विभाग रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को भेजने की तैयारी कर रहा है, जिसके बाद आशियाने के सपने को पूरा करने वाले लोग धोखाधड़ी के शिकार नहीं होंगे। इस तरह रेरा में बिना रजिस्ट्रेशन के फ्लैट बेचने वाले बिल्डरों पर लगाम कसी जाएगी।

बिहार की तर्ज पर होगा लागू

नगर विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी रेरा को प्रभावी बनाने की तैयारी है। नगर विकास विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके तहत जिस प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन रेरा में होगा उसी के फ्लैट की रजिस्ट्री को कानूनी मान्यता दी जाएगी। जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं होगा उस फ्लैट की रजिस्ट्री ही नहीं होगी। रजिस्ट्री के समय बिल्डर को रेरा में रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट लगाना होगा, उसके बाद ही फ्लैट की रजिस्ट्री हो पाएगी।

बिल्डरों की धोखाधड़ी होगी बंद

झारखंड नगर विकास विभाग जल्द ही निबंधन विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव भेजेगा। इसके लागू होने के बाद बिल्डर फ्लैट के खरीदारों से धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे। बिल्डरों की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। गौरतलब हो कि अधिकतर डेवलपर्स बिना रजिस्ट्रेशन के ही फ्लैट बेच रहे हैं। इस तरह खरीदार धोखाधड़ी के शिकार होते रहे हैं।

क्या है रेरा

रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट को राज्य सभा ने 10 मार्च 2016 और लोकसभा ने 15 मार्च 2016 को पारित किया था। एक मई 2016 से यह अधिनियम लागू है। झारखंड में नवंबर 2016 में रेरा लागू किया गया है। इसके तहत झारखंड सरकार ने रेरा प्राधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण बनाया है। इसमें खरीदार के साथ-साथ बेचने वाले बिल्डर भी अपना पक्ष रख सकते हैं। सुलभ और मामलों के जल्द निस्तारित होने की वजह से इसे खरीदारों के हित में माना जा रहा है।

वर्जन

नगर विकास विभाग द्वारा अगर इस तरह का कोई भी प्रस्ताव आता है तो उसे हमलोग निबंधन के समय लागू करेंगे। अभी तक हमलोगों के पास नगर विकास विभाग की ओर से कोई सूचना नहीं आई है।

मुत्थु कुमार, आईजी, निबंधन, झारखंड